ग्वालियर। इंस्पेक्टर रेखा पाल और इंसपेक्टर रामनरेश यादव को अदालत के 22 बार बुलाने के बाद भी हाजिर न होना भारी पड गया है। उच्च न्यायालय ने दोनों की इस लापरवाही और न्यायालय के आदेश का पालन नहीं करने पर शासन पर कुल बीस हजार रूपए का हर्जाना लगाया है। यह राशि आरोपी को दिलाई जाएगी। इस राशि को दोनों अधिकारियों से वसूल किया जाएगा। वहीं पुलिस विभाग ने भी दोनों अधिकारियों पर पांच-पांच हजार रूपए का जुर्माना लगाया है। एसपी भिंड ने न्यायालय को बताया कि दोनों के खिलाफ यह दंड कम प्रतीत होने के कारण उनके खिलाफ विभागीय जांच भी प्रारंभ की गई है।
पुलिस अधिकारी कोर्ट में हाजिर नहीं हुए, आरोपी को 1 साल जेल में रहना पड़ा
न्यायमूर्ति जीएस अहलुवालिया ने यह महत्वपूर्ण आदेश एनडीपीएस एक्ट में आरोपी जयपाल सिंह के जमानत आवेदन को खारिज करते हुए दिए हैं। न्यायमूर्ति अहलुवालिया ने वीडियो कॉन्फ्रेसिंग के जरिए हाजिर हुए एसपी भिंड को सुनने के बाद अपने आदेश में कहा कि दोनों अधिकारी बार-बार बुलाए जाने के बाद भी अदालत में हाजिर नहीं हुए इस कारण इस मामले की ट्रायल एक साल से अधिक से लंबित है। इस कारण आरोपी को जेल में रहना पडा है। इसके लिए ये दोनों अधिकारी जिम्मेदार है लिहाजा शासन पर बीस हजार रूपए का हर्जाना लगाया गया है।
एसपी भिंड को आदेश का पालन कराने के लिए निर्देशित किया
न्यायालय ने अपने आदेश में कहा कि हर्जाने की राशि तीन दिन में जमा करनी होगी। एसपी भिंड मनोज कुमार यह देखेंगे कि यह राशि समय पर जमा होती है या नहीं, वे इसकी जानकारी अदालत को देंगे। न्यायालय ने कहा कि न्यायालय का इरादा पुलिस की आंतरिक व्यवस्था में हस्तक्षेप का नहीं है लेकिन विभाग द्वारा जारी किए जाने वाले सर्कुलरों का पालन हो इसके लिए भी प्रयास किए जाने चाहिए। न्यायालय ने अपने आदेश में कहा कि इस समय कोविड-19 के कारण अदालतों में नियमित कार्यवाही लंबित चल रही है। लेकिन अदालत ने यह उम्मीद जताई कि न्यायालय में नियमित कार्य प्रारंभ होने पर इस मामले में अभियोजन द्वारा जो गवाहियां शेष रह गई हैं उन्हें पूरा कराया जाएगा।
पुलिस अधिकारियों के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया लेकिन हाजिर नहीं हुए
अदालत ने 26 मार्च 19 को इंसपेक्टर रेखा पाल और इस्पेक्टर रामनरेश यादव को गवाही के लिए पहला समंस जारी किया। इसके बाद 14 फरवरी 20 तक दोनों के खिलाफ अदालत ने कुल बाइस बार वारंट और अंत में गिरफ्तारी वारंट तक जारी किए लेकिन दोनों अदालत में हाजिर नहीं हुए। आरोपी 5 जनवरी 2018 से जेल में है। उसके खिलाफ एनडीपीएस एक्ट के तहत रौन थाने में मामला दर्ज किया गया है।
गवाह हाजिर नहीं हुए इसलिए आरोपी को जमानत
इस मामले में हो रहे विलंब को लेकर आरोपी की ओर से कहा गया कि वह इसके लिए जिम्मेदार नहीं है। इस मामले में पुलिस के गवाहों को लगातार समंस और गिरफ्तारी वारंट से तलब किया जा रहा है लेकिन वे उपस्थित नहीं हुए हैं। इंस्पेक्टर रेखा पाल और इंस्पेक्टर रामनरेश यादव के वारंट न्यायालय में वापस प्राप्त नहीं हुए हैं। इस प्रकार यह अभियोजन की गंभीर चूक है। ऐसा लग रहा है कि वे जानबूझकर सामने आने से बच रहे हैं। इस कारण आवेदक जेल में है, इसलिए उसे जमानत का लाभ दिया जाए।
आई जी चंबल रेंज ने दोनों अधिकारियों पर पांच 5-5 हजार का जुर्माना लगाया
इस मामले में न्यायालय ने एसपी भिंड को निर्देश दिया था कि वे यह बताएं कि रेखा पाल और रामनरेश यादव अदालत में पेश क्यों नहीं हो रहे हैं। न्यायालय ने इस संबंध में एसपी भिंड के जवाब को संतोषजनक नहीं माना। इसलिए उच्च न्यायालय ने एसपी भिंड को कोर्ट में हाजिर होने के निर्देश दिए थे। इस मामले की जांच में पाया कि इंस्पेक्टर रेखा पाल और इंस्पेक्टर रामनरेश यादव ट्रायल कोर्ट के सामने पेश नहीं हुए थे। यह पाया गया कि दोनों अधिकारियों का न्यायालय के सामने पेश नहीं होना उनकी लापरवाही को दर्शाता है। इस पर दोनों अधिकारियों पर चंबल आईजी ने पांच-पांच हजार रूपए का जुर्माना लगाया।
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