पिछले लेख में हमने आपको जानकारी दी थी की किसी भी व्यक्ति के घर में जबरदस्ती घुसना और सामान्य अत्याचार करना या अनिमिताएं करना एक दण्डिनीय अपराध है। आज अपन बात करेंगे कि कभी कभी कोई व्यक्ति हमारे घर में जान से मारने, चोरी करने, या घर की महिला से छेड़छाड़ करने, नाबालिग लड़की से रेप करने आदि घोर उपहति वाले अपराध करने के आशय से घर मे जबरदस्ती घुस जाता है तो उस व्यक्ति पर किस धारा के अंतर्गत मामला दर्ज होगा।
भारतीय दण्ड संहिता,1860 की धारा 449, 450, 451 की परिभाषाएं:-
(1). धारा 449:- अगर कोई व्यक्ति ऐसे अपराध को करने के उद्देश्य से किसी के घर में घुसता जिस अपराध की सजा मृत्यु से दण्डनीय है। वह व्यक्ति इस धारा के अंतर्गत अपराधी होगा। जैसे- हत्या आदि
(2). धारा 450:- अगर कोई व्यक्ति ऐसे अपराध को करने के उद्देश्य से घर में घुसता हैं। उस अपराध की सजा आजीवन कारावास है। तब वह व्यक्ति इस धारा के अंतर्गत दण्डिनीय होगा। जैसे- रेप, सामुहिक दुष्कर्म आदि।
(3). अगर कोई व्यक्ति ऐसे अपराध के लिए घर में घुसता हैं, जिस अपराध की सजा कारावास से है। तब वह व्यक्ति इस धारा धारा के अंतर्गत दण्डिनीय होगा। जैसे चोरी, लूटपाट आदि।
दण्ड का प्रावधान:-
(1). धारा 449 एवं 450 के अपराध संज्ञये एवं अजमानतीय होते हैं। इनकी सुनवाई सेशन न्यायालय द्वारा की जाती हैं।
(i). सजा- धारा 449 में आजीवन कारावास यह दस वर्ष की कठोर कारावास ओर जुर्माना हो सकता है।
(ii). सजा धारा 450 के अपराध में दस वर्ष की कारावास और जुर्माना से दण्डित किया जाएगा।
(2). धारा 451 संज्ञये एवं जमानतीय अपराध है एवं इनकी सुनवाई किसी भी मजिस्ट्रेट द्वारा की जा सकती है।
(i) सजा- सामान्य कारावास से दण्डिनीय अपराध के लिए 2 वर्ष की कारावास और जुर्माना।
(ii). यदि अपराध चोरी का हो तब यह अपराध अजमानतीय होता है एवं 7 वर्ष की कारावास और जुर्माना से दण्डित किया जा सकता है।
उधारानुसार वाद-: मति उल्लाह शेख बनाम पश्चिम बंगाल राज्य- उच्चतम न्यायालय ने स्पष्ट किया कि दण्ड संहिता की धारा 449,450,451,454,तथा 457 के अधीन वर्धित दण्ड देने के लिए अपराध का वास्तव में घटित होना आवश्यक नहीं है। अतः यदि कोई व्यक्ति किसी की मृत्यु करने के आशय से गृह अतिचार करता है लेकिन मृत्यु करने में सफल नहीं हो पाता है। तब भी उसे धारा 449 के अंतर्गत दोषी ठहराया जाएगा।
बी. आर. अहिरवार होशंगाबाद (पत्रकार एवं लॉ छात्र) 9827737665