कोर्ट में कपटपूर्ण याचिका दाखिल करने वाला वापस घर जाता है या जेल, यहां पढ़िए / ABOUT IPC

Bhopal Samachar
ज्यादातर लोग कोर्ट कचहरी के मामलों से दूर ही रहना चाहते हैं परंतु कुछ लोग ऐसे होते हैं जो लिखा-पढ़ी और कोर्ट-कचहरी के नाम पर अपने समाज में सब को धमकाते रहते हैं। कभी-कभी अनुचित लाभ भी उठाते हैं। लोगों में भय व्याप्त रहे इसलिए कभी-कभी कोर्ट में बेईमानी पूर्वक याचिका भी दाखिल कर देते हैं। भारतीय दंड संहिता में इस तरह के अपराध करने वालों को दंडित करने का प्रावधान है। कोर्ट में कोई वॉल्यूम की याचिका खारिज नहीं होती बल्कि उनके खिलाफ धारा 209 के तहत आपराधिक प्रकरण भी दर्ज किया जा सकता है।

भारतीय दण्ड संहिता ,1860 की धारा 209 की परिभाषा:-

सरल शब्दों में- अगर कोई व्यक्ति न्यायालय में झूठे तथा कपटपूर्ण हक के लिए बेईमानीपूर्वक याचिका दायर करता है जिससे अन्य व्यक्ति को हानि या किसी प्रकार की क्षति पहुंचे या सदोष हानि या लाभ होने की संभावना है। तब झूठा दावा न्यायालय में पेश करने वाला व्यक्ति इस धारा के अंतर्गत अपराधी होगा।
【नोट- धारा 209 के अंतर्गत अपराध के लिए न्यायालय में शिकायत पर ही अपराध का संज्ञान लिया जा सकता है। सरदुल सिंह बनाम हरियाणा राज्य,1992 क्रि. लॉ ज.354 के अनुसार।】

*भारतीय दण्ड संहिता,1860 की धारा 209 में दण्ड का प्रावधान:-*

धारा 209 के अपराध समझौता योग्य नहीं होते हैं यह अपराध असंज्ञेय एवं जमानतीय अपराध होते हैं, इनकी सुनवाई प्रथम श्रेणी के मजिस्ट्रेट दूआरा की जाती हैं।
सजा- दो वर्ष की कारावास ओर जुर्माने से दण्डित किया जा सकता है।
बी. आर. अहिरवार(पत्रकार एवं लॉ छात्र होशंगाबाद म.प्र.)  9827737665


कानूनी जानकारी से संबंधित 10 सबसे लोकप्रिय लेख

कोर्ट में गीता पर हाथ रखकर कसम क्यों खिलाते थे, रामायण पर क्यों नहीं है
सरकारी अधिकारी निर्दोष नागरिक को जबरन रोककर रखे तो IPC की किस धारा के तहत मामला दर्ज होगा
अधिकारी, कोर्ट में गलत जानकारी पेश कर दे तो विभागीय कार्रवाई होगी या FIR दर्ज होगी
क्या जमानत की शर्तों का उल्लंघन अपराध है, नई FIR दर्ज हो सकती है
एक व्यक्ति अपराध करे और दूसरा सिर्फ साथ रहे तो दूसरा अपराधी माना जाएगा या नहीं
रात के समय किसी के घर में चोरी छुपे घुसना किस धारा के तहत अपराध है
यदि कोई मर्जी के बिना घर में घुस आए तो क्या FIR दर्ज करवाई जा सकती है
धूम्रपान करने वालों के खिलाफ IPC की किस धारा के तहत FIR दर्ज होगी
आम रास्ते में रुकावट पैदा करने वाले के खिलाफ किस धारा के तहत FIR दर्ज होती है
गर्भपात के दौरान यदि महिला की मृत्यु हो गई तो जेल कौन जाएगा डॉक्टर या पति

यदि जबरदस्ती नशे की हालत में अपराध हो जाए तो क्या सजा से माफी मिलेगी

#buttons=(Ok, Go it!) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Check Now
Ok, Go it!