PEETAMBRA PEETH DATIA GURU PURNIMA PROGRAM
दतिया। देश विदेश में पूज्य श्री पीताम्बरा पीठ दतिया मध्यप्रदेश की ओर से गुरु पूर्णिमा का कार्यक्रम घोषित कर दिया गया है। इस साल गुरु भक्तों को स्वामी जी महाराज की चरण पादुका ओं के दर्शन कराए जाएंगे। गुरु भक्तों को श्री पितांबरा पीठ आने से पहले मंदिर की वेबसाइट पर ऑनलाइन पंजीयन कराना होगा। यह निर्णय रविवार को 5 जुलाई (गुरुपूर्णिमा) को श्रद्धालुओं की संभावित भीड़ को देखते हुए मंदिर प्रबंधन द्वारा लिया गया है।
श्री पीतांबरा पीठ दतिया में हवन आदि नहीं होंगे
गुरुपूर्णिमा की व्यवस्थाओं को लेकर पीतांबरा मंदिर के सहायक व्यवस्थापक महेश मुदगल ने बताया कि इस बार गुरुपूर्णिमा का आयोजन बीते सालों से अलग होगा। कोरोना महामारी से बचाव के देखते हुए कई निर्णय लिए गए हैं। इस अवसर पर किए जाने वाले हवन आदि नहीं होंगे। किसी भी तरह की फूल प्रसादी लाने की जरूरत नहीं है।
भंडारा नहीं होगा, प्रसाद वितरण किया जाएगा
गुरुपूर्णिमा पर दर्शनों के लिए भक्तों की संख्या में इजाफा किया है। अभी तक 600 से 800 लोग ही मंदिर में दर्शनों के लिए जा रहे थे लेकिन गुरुपूर्णिमा के अवसर पर इसे 1500 कर दिया गया है। बीते कई वर्षों से मंदिर परिसर में गुरुपूर्णिमा के अवसर पर सामूहिक रूप से भंडारे का आयोजन किया जाता था। इस बार भंडारे के स्थान पर गुरुभक्तों के लिए प्रसाद स्वरूप बूंदी के पैकेट वितरित किए जाएगें। प्रबंधन द्वारा 1500 पैकेट तैयार किए जाएंगे। इसके अलावा गुरु व माई का अर्पित प्रसाद भी मंदिर परिसर में कांउटर पर उपलब्ध। होगा।
अतिथि श्रद्धालुओं के लिए आवास व्यवस्था नहीं होगी
ज्ञातव्य है कि पीतांबरा पीठ पर गुरुपूर्णिमा के अवसर पर देश के कोने कोने से लोग साधना के लिए आते है, जो अभी तक मंदिर में रहकर ही अपनी साधना करते थे। इस बार मंदिर प्रबंधन द्वारा निर्णय लिया है कि कोरोना महामारी के चलते इस बार मंदिर में कोई भी आवास नहीं कर सकेगा। ना ही पार्किंग की व्यवस्था होगी। मंदिर में दर्शन भी सुबह 10 बजे से शाम 6 बजे तक ही कर सकेंगे।
उत्तर द्वार से ही होगा प्रवेश और निकास / ONLINE REGISTRATION
मंदिर प्रबंधन के अनुसार मंदिर में आने जाने के लिए उत्तर द्वार का प्रयोग किया जाएगा। प्रवेश के समय सभी श्रद्धालुओं की थर्मल स्क्रीनिंग की जाएगी। हाथ पैर धोने के बाद ही मंदिर में प्रवेश दिया जाएगा। मास्क अनिवार्य रूप से लगाना होगा। दर्शनों के लिए जाते समय श्रद्धालुओं के बीच 6 फिट की दूरी रहेगी। मंदिर में किसी भी तरह से रैलिंग आदि का छूना पूर्णत प्रतिबंधित होगा।
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