भोपाल। केंद्र व राज्य सरकारों द्वारा कोविड 19 के चलते देशभर में डीए डीआर पर रोक लगाई है; लेकिन महंगाई बदस्तूर जारी है। बढ़ती महंगाई से आर्थिक रूप से सब हलकान है। मप्र तृतीय वर्ग शास कर्म संघ के प्रांतीय उपाध्यक्ष कन्हैयालाल लक्षकार ने कहा है कि बढ़ती महंगाई का सामना करने व वेतन स्तर बनाये रखने के लिए कर्मचारियों को डीए डीआर भुगतान की व्यवस्था से इस वर्ग कि क्रय शक्ति बरकरार रहती थी जो अब प्रभावित हो रही है।
पेट्रोलियम पदार्थों में विगत 18 दिनों से सतत आग झरती तेजी के कारण पेट्रोल डीजल में मैराथन दौड़ से डीजल ने पेट्रोल को पछाड़ते हुए "भाव" के नये कीर्तिमान स्थापित कर लिये है। इसका व्यापक असर पूरे अर्थ तंत्र पर पड़ने से कर्मचारियों को आर्थिक परेशानियों से दो चार होना पड़ रहा है। पेट्रोल डीजल की बढ़ती कीमतों का व्यापक असर हो रहा है। एक तरफ कृषि व ओद्योगिक उत्पादों की लागत में वृद्धि दूसरी ओर तैयार माल उपभोक्ताओं तक पहुँचाने के लिए परिवहन व्यय में इजाफा होने से चौतरफा महंगाई विस्फोटक रूप लेती जा रही है।
"मप्र तृतीय वर्ग शास कर्म संघ" मांग करता है कि महंगाई पर प्रभावी नियंत्रण किया जावे केंद्र व राज्य सरकारें पेट्रोल डीजल पर अपने लाभांश में कटौती करें; नहीं तो डीए डीआर वेतनवृध्दि पर लगाई रोक हटाई जावे। एक तरफ बढ़ती महंगाई व दूसरी ओर डीए डीआर वेतनवृद्धि पर रोक "दो धारी तलवार" के रूप में दोहरी मार कर रही है, जो न्याय संगत नहीं है।