भोपाल। मध्य प्रदेश के पुलिस मुख्यालय ने एक नोटिस जारी करके स्पष्ट कर दिया है कि यदि इसके बाद कोई भी पुलिस अधिकारी ट्रांसफर, प्रमोशन या डिपार्टमेंटल इंक्वायरी में किसी भी प्रकार का पोलिटिकल इंटरफेयर करवाता है तो ऐसे अधिकारी के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। एमपी पुलिस हेडक्वार्टर का कहना है कि सभी प्रक्रियाओं के लिए डिपार्टमेंट में प्रोसीजर फिक्स है, पुलिस डिपार्टमेंट के कामकाज में राजनीतिक हस्तक्षेप की अनुमति नहीं है।
पुलिस अधिकारियों को जनप्रतिनिधियों से न्याय मांगने का अधिकार नहीं
पुलिस मुख्यालय ने अपनी चिट्ठी में साफ कहा है कि अगर किसी अधिकारी को अपने प्रमोशन, पोस्टिंग, ट्रांसफर या डिपार्टमेंटल जांच के संबंध में कोई काम है या फिर उन्हें किसी अधिकारी कर्मचारी की मौजूदगी से कोई शिकायत या समस्या है तो वह सीधे अपने वरिष्ठ अधिकारियों से संपर्क कर सकता है। एप्लीकेशन दे सकता है या फिर सर्विस रूल्स में जो प्रोसिजर है उसके तहत अपनी बात रख सकता है। उसे यह अधिकार नहीं दिया गया है कि वह अपने इन कामों के लिए राजनीतिक हस्तक्षेप का सहारा ले।
एमपी पुलिस के विभागीय कामकाज में राजनीतिक हस्तक्षेप दंडनीय अपराध
पुलिस विभाग के अपने सर्विस रूल्स हैं। इसमें सख्त कार्रवाई का प्रावधान है। मध्यप्रदेश सिविल सेवा आचरण नियम, मध्य प्रदेश पुलिस मैन्युअल एवं रेगुलेशन, अखिल भारतीय सेवा आचरण नियम में तमाम प्रावधान दिए गए हैं। यदि राजनीतिक हस्तक्षेप या दूसरे किसी तरीके का असर अपने कामों में पुलिसकर्मी कराते हैं तो उनके खिलाफ कार्रवाई का नियम है। इसमें अनुशासनात्मक या फिर दूसरे नियमों के तहत कार्रवाई हो सकती है। ऐसा करने के लिए पुलिस मुख्यालय और तमाम वरिष्ठ अधिकारी स्वतंत्र हैं।
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