नई दिल्ली। कोरोना के कारण ठप हुए शेयर मार्केट और प्राइवेट व सरकारी बैंकों द्वारा लगातार घटाए जा रहे हैं ब्याज के बीच केंद्र सरकार ने भारत के आम नागरिकों के लिए एक नई फिक्स डिपॉजिट स्कीम लॉन्च की है। इस योजना का नाम है FRSB- Floating rate savings bonds (फ्लोटिंग रेट सेविंग बॉन्ड)। दिनांक 1 जुलाई से इस स्कीम में कोई भी भारतीय नागरिक निवेश कर सकता है। यह निवेश 7 साल के लिए होगा। सरल शब्दों में यह 7 साल वाली फिक्स डिपॉजिट स्कीम है। जिस पर 7.15% ब्याज मिलेगा।
FRSB स्कीम में कौन-कौन निवेश कर सकता है
रिजर्व बैंक के रिलीज के मुताबिक, बॉन्ड खरीदने पर हर छह महीने पर इंट्रेस्ट मिलेगा। यह बॉन्ड फ्लोटिंग रेट आधारित होगा। भारत का कोई भी नागरिक इस योजना में निवेश कर सकता है परंतु प्रवासी भारतीयों को इस योजना के तहत निवेश करने के लिए प्रतिबंधित किया गया है।
FRSB स्कीम में अधिकतम कितना इन्वेस्टमेंट किया जा सकता है
बॉन्ड खरीदने की कोई अधिकतम सीमा नहीं है। कम से कम एक हजार रुपये का बॉन्ड खरीदना होगा। निवेश एक हजार के मल्टीपल में होगा।
FRSB स्कीम के बांड की मैच्योरिटी कब होगी, क्या बीच में पैसे निकाल सकते हैं
यह बॉन्ड 7 साल बाद मैच्योर होगा। सिनियर सिटिजन्स को बीच में इनकैश कराने का अधिकार दिया गया है। यह बॉन्ड पूर्व में रिजर्व बैंक की तरफ से जारी 7.75 पर्सेंट वाला विदड्रॉन टैक्सेबल बॉन्ड की तरह है।
बॉन्ड पर कितना इंट्रेस्ट मिल रहा है और उसका भुगतान कैसे होगा?
इस बॉन्ड पर 7.15 फीसदी का इंट्रेस्ट मिल रहा है जो साल में दो बार- एक जनवरी और एक जुलाई को मिलेगा। इंट्रेस्ट का फायदा एकसाथ नहीं उठाया जा सकता है। मतलब छह महीने पूरे होते ही इंट्रेस्ट का पैसा इन्वेस्टर के अकाउंट में जमा हो जाएगा।
इंट्रेस्ट पर किस तरह टैक्स लगेगा
इंट्रेस्ट से होने वाली कमाई पर इनकम टैक्स के नियमों के तहत टैक्स भरना होगा। इंट्रेस्ट इनकम पर बाद में TDS भी कटेगा।
FRSB स्कीम में बॉन्ड को कैसे खरीदें
कैश में अधिकतम 20 हजार रुपये का बॉन्ड खरीदा जा सकता है। इसके अलावा ड्रॉफ्ट, चेक और इलेक्ट्रॉनिक पेमेंट मोड से बॉन्ड खरीदा जा सकता है। बॉन्ड को किसी भी सरकारी बैंक, IDBI बैंक, ऐक्सिस बैंक, HDFC बैंक और ICICI बैंक से खरीदा जा सकता है। बॉन्ड को केवल इलेक्ट्रॉनिक रूप में खरीदा जा सकता है। बॉन्ड खरीदते ही यह निवेशक के बॉन्ड लेजर अकाउंट में ट्रांसफर हो जाएगा।
FRSB स्कीम में निवेश से पहले इन बातों का रखें ध्यान
1. बॉन्ड को सेकेंड्री मार्केट में ट्रेड नहीं किया जा सकता है। इसका इस्तेमाल लोन उठाने के लिए कोलैट्रल के रूप में भी नहीं किया जा सकता है।
2. अगर बॉन्ड खरीदने वाला कोई इंडिविजुअल है तो वह नॉमिनी बना सकता है।
3. जब तक बॉन्ड खरीदने वाला जिंदा है, यह ट्रांसफर नहीं हो सकता है। अगर उसकी मौत हो जाती है तो नॉमिनी को यह ट्रांसफर हो सकता है।
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