थ्री पिन प्लग का उपयोग तो हम सभी अपने घरों में करते हैं। ऐसे विद्युत उपकरण जिनमें सामान्य से अधिक विद्युत का प्रवाह होता है, (जैसे गीजर, प्रेस, एसी, कूलर, हीटर सहित 500 या 500 वाट से अधिक के बिजली उपकरण) उनमें अनिवार्य रूप से थ्री पिन प्लग का उपयोग किया जाता है। प्रश्न यह है कि थ्री पिन प्लग में सबसे पहला (टॉप) पिन शेष दोनों पिन से बड़ा क्यों होता है, आइए जानते हैं:-
भारतीय स्टेट बैंक से रिटायर श्री शिव मिश्रा, एनटीपीसी में जूनियर इंजीनियर श्री गोकुल भारद्वाज एवं लखनऊ यूनिवर्सिटी से इलेक्ट्रिक इंजीनियर श्री यशस शुक्ला ने इस बारे में जानकारी उपलब्ध कराई है। सरल शब्दों में कहें तो इसके दो प्रमुख कारण होते हैं। सबसे पहला कारण यह है कि पहला पिन बड़ा होने के कारण शेष दोनों पिनों को इलेक्ट्रिक फीमेल प्लग में फिक्स बनाए रखने में सहायक होता है।
दूसरा मुख्य कारण यह है कि इलेक्ट्रिक प्लग में एक पॉजिटिव और दूसरा नेगेटिव बिन होता है लेकिन जो सबसे ऊपर तीसरा या जिसे पहला पिन कहा जा रहा है, अर्थिंग का होता है। अर्थिंग यानी वह वायर जो इलेक्ट्रिक पोल में नहीं बल्कि जमीन के नीचे जाकर एक विशेष प्रक्रिया के तहत कनेक्ट किया गया है। अर्थिंग का वायर हादसों को बचाने के लिए लगाया जाता है। यही कारण है कि पहला पिन शेष दोनों पिनों से बड़ा होता है, ताकि फीमेल प्लग में इंसर्ट होते समय सबसे पहले अर्थिंग कनेक्ट हो और पॉजिटिव या नेगेटिव में यदि किसी प्रकार की कोई गड़बड़ी है तो उसे बड़े हादसे में बदलने से रोका जा सके।
कुल मिलाकर दो बातें हमेशा याद रखिए। पहला कोशिश कीजिए कि पूरे घर में थ्री पिन प्लग का ही उपयोग किया जाए। दूसरी बात जब भी आप थ्री पिन प्लग को बोर्ड में इंसर्ट करें तो ध्यान रखें कि सबसे पहले ऊपरवाला मोटा पिन अंदर की तरफ पुश किया जाए। Notice: this is the copyright protected post. do not try to copy of this article
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