एक स्वस्थ इंसान को कितने वोल्ट तक बिजली का करंट नहीं लगता / GK IN HINDI

Bhopal Samachar
हमने अक्सर देखा है, कुछ लोगों ने अनुभवी किया होगा, एक कमजोर सा बिजली का तार कई बार हम को तेज करंट का झटका देता है लेकिन कभी-कभी ऐसा भी होता है कि कूलर में करंट आ रहा होता है परंतु हाथ रखने पर हमें झटका नहीं लगता। सवाल यह है कि एक स्वस्थ इंसान को कितने वोल्ट तक बिजली का करंट नहीं लगता। 

सबसे पहले यह बेसिक फार्मूला रिवाइज कर लीजिए

गुजरात टेक्नोलॉजी यूनिवर्सिटी से इलेक्ट्रिक इंजीनियर श्री धर्मेंद्र शाह कहते हैं कि इस प्रश्न का उत्तर जानने से पहले बेसिक फॉर्मूले को एकबार रिवाइज कर लेते है जिसे हम सभी ने अपने स्कूल में पढ़ा होगा। करंट = वॉल्ट्ज ÷ प्रतिरोध
प्रतिरोध: विद्युत धारा को रोकने की गुण को प्रतोरोध कहते है। उदाहरण के लिए, धातु का प्रतिरोध कम होता है, इसमें विद्युत् धारा आसानी से प्रवाह हो जायेगा, वही कागज, प्लास्टिक इत्यादि का प्रतिरोध ज्यादा होता है अर्थात विद्युत के कुचालक होते है। इसी तरह हमारा शरीर का भी कुछ प्रतिरोध होता है।
करंट की इकाई = एम्पेयर, तथा प्रतिरोध की इकाई = ओम
2. Heat =  I2×R×T (I = करंट, R = प्रतिरोध, T = टाइम )

बिजली का झटका करंट के कारण लगता है या वोल्टेज के कारण

यानि किसी चीज में विद्युत धारा प्रवाहित होने पर कितनी Heat बनेगी वह इसपर निर्भर करता है की उसके अंदर कितना करंट, कितनी देर तक फ्लो हो रहा है। बिजली के झटके लगने पर जो नुकसान/ चोट लगती है वो करंट के कारण होती है न की वॉल्ट्ज के कारण। बहुत केस ऐसे भी हुए है जहाँ पर 40-50 वाल्ट पर भी आदमी मर गया है, और ऐसे भी केस है जिसमे इंसान को हजारों वाल्ट लगने के बाद भी जिन्दा पाया गया है।

जब मनुष्य को झटका करंट से लगता है तो हाई वोल्टेज पर 'खतरनाक' क्यों लिखा होता है

आमतौर पर हाई वॉल्ट्ज को डेंजर इसलिए समझा जाता है क्युकी विद्युत सप्लाई सिस्टम की पावर बहुत ज्यादा होती है, वे हजारों एम्पेयर करंट सप्लाई करने की कैपेसिटी रखते है। पर जो भी नुकसान होता है वो करंट की वजह से होता है, पर करंट तभी फ्लो होता है जब voltage difference हो, उदाहरण के लिए आप जमीन पर नंगे पेअर है तो आप ग्राउंड यानि 0 वाल्ट पर है और सॉकेट में 220 वाल्ट है, ऐसे difference है, अगर आप टच करते है तो आपको झटका लगेगा।

मनुष्य का शरीर कितना करंट सहन कर सकता है 

हमारी शरीर का प्रतिरोध अलग भाग में अलग होता है; जैसे कानों के बीच में 100 ओम, जबकि हाथ की उंगलियों और पैरो के बीच 500 ओम। सुखी चमड़ी का प्रतिरोध 1 लाख ओम भी हो सकता है, वही गीली चमड़ी का प्रतिरोध 1000 ओम तक होगा।

चलिए सरल उदाहरण से समझते हैं

मान लीजिये आपका शरीर जिला है, आपने गीले हाथों से 220 वाल्ट छू दिया। ऐसे में आपके गीले शरीर के प्रतिरोध 1000 ओम है, तो पहले फॉर्मूले की मदद से जरा गणना कीजिये कितना करंट फ्लो होगा ?
220 ÷ 1000 = 0.22 एम्पेयर यानि 22 मिली एम्पेयर। इतना करंट आपको जोरदार का झटका देगा। इतना जोरदार क्या आपको लंबे समय तक याद रहेगा। 

अगर शरीर सूखा है, तब आपके शरीर का प्रतिरोध 100000 ओम के आसपास होगा, ऐसे में 220 वोल्ट छुएंगे तो आपको सिर्फ 220 ÷ 100000 = 2.2 मिली एम्पेयर का करंट लगेगा जो हल्का झटका देगा। इस झटके के कारण आप विद्युत तरंग से दूर हो जाएंगे और कुछ ही समय बाद सामान्य हो जाएंगे। 

अब सरल शब्दों में समझिए 

झटका वोल्ट से नहीं करंट से लगता है। 
झटका इस बात पर भी निर्भर करता है कि शरीर के किस हिस्से पर विद्युत प्रवाह हुआ। 
झटका इस बात पर भी निर्भर करता है कि आपका शरीर गीला है या सूखा। 
झटका इस बात पर भी निर्भर करता है कि करंट कितनी देर तक प्रवाहित हुआ। 
कुल मिलाकर झटका कई बातों पर निर्भर करता है लेकिन एक बात तय है कि इस के फार्मूले इतने खतरनाक है क्यों नहीं याद रखना मुश्किल है। अच्छी बात है कि बिजली के तारों से दूर रहिए।
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