भारत में इन दिनों सामान्यतः तीन प्रकार की सड़कें दिखाई देती है। एक डामर रोड जो भारत की परंपरागत रोड है। दूसरी सीमेंटेड रोड जो आगरा-दिल्ली एक्सप्रेस-वे पर दिखाई देती है और तीसरी सीसी रोड (इसे भी सीमेंट की सड़क कहते हैं) जो भारत के टियर-2 और टियर-3 (दिल्ली-मुंबई जैसे आधुनिक शहर छोड़ कर भारत के दूसरे बड़े शहर) में नजर आती है। सवाल यह है कि क्या इनमें से कोई सड़क ऐसी है जो टायर के लिए हानिकारक है। जानना जरूरी है क्योंकि यदि ऐसा है तो हमें उस सड़क के बजाय उसके वैकल्पिक मार्ग का उपयोग करना चाहिए। आइए इस सवाल का जवाब जानने की कोशिश करते हैं:
डामर रोड टायर को नुकसान पहुंचाती है या नहीं
इंजीनियर जानते हैं कि पानी डामर का दुश्मन है। इसीलिए बारिश के दिनों में लापरवाही पूर्वक बनाई गई सड़कें उखड़ जाती हैं। बावजूद इसके एक विशेष ढलान वाली तकनीक का उपयोग करके डामर की सड़क बनाई जाती है। इसका सबसे बड़ा कारण यह है कि रबड़ के टायर के लिए डामर सबसे ज्यादा उपयोगी है। यदि डामर का पर्याप्त मात्रा में उपयोग किया गया है तो इस बात की गारंटी है कि टायर अपनी पूरी जिंदगी मजे से जिएगा। उसकी अकाल मृत्यु नहीं होगी।
एक्सप्रेस-वे वाली सीमेंट की सड़कें टायर के लिए नुकसानदायक है या नहीं
दिल्ली-आगरा एक्सप्रेस-वे जैसी सड़कों पर सीमेंट का उपयोग किया गया है लेकिन उसकी एक विशेष तकनीक है। रिकॉर्ड बताते हैं कि दिल्ली आगरा एक्सप्रेस-वे पर कारों के टायर फटने की घटनाएं सबसे ज्यादा हुई है। रिसर्च करना जरूरी है कि कारों के टायर सड़क के कारण फटे या कोई दूसरा कारण था क्योंकि विशेषज्ञों का कहना है कि एक्सप्रेस-वे पर उपयोग किया गया मटेरियल किसी भी स्थिति में किसी भी प्रकार के वाहन के टायर के लिए हानिकारक नहीं है। लेकिन बहुत जरूरी है कि टायर में हवा निर्धारित मात्रा के अनुसार हो और वाहन की स्पीड उसकी सामान्य क्षमता से अधिक ना हो। भले ही एक्सप्रेस वे पूरी तरह से खाली पड़ा हो। कुल मिलाकर इतना समझ लीजिए कि एक्सप्रेस वे पर जाने से पहले अपने वाहन की हवा जरूर चेक करवा ले और वाहन की स्पीड उतनी ही रखें जितनी वाहन के स्वास्थ्य के लिए हानिकारक ना हो।
टियर-2 शहरों के अंदर बनी सीमेंट की सीसी रोड
100% गारंटी के साथ कहा जा सकता है कि इस तरह की सर के टायर के लिए काफी नुकसानदायक है। इसका सबसे बड़ा कारण यह है कि ठेकेदार सीसी रोड में पर्याप्त सीमेंट लेयर नहीं बनाता। वह अपना मुनाफा कमाने के लिए गिट्टियों के ऊपर सीमेंट की लेयर को कमजोर कर देता है। नतीजा नुकीली गिट्टियों टायर को टच करने लगती हैं और धीरे-धीरे टायर को पूरी तरह से खत्म कर देती है। ऐसा तकनीक के कारण नहीं है लेकिन भ्रष्टाचार के कारण होता है। इसलिए बेहतर है कि वैकल्पिक मार्ग का चयन किया जाए। Notice: this is the copyright protected post. do not try to copy of this article
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