जीभ पर कड़वा स्वाद थोड़ी देर से क्यों आता है जबकि मीठा पहले - GK in Hindi

Bhopal Samachar
विज्ञान के अनुसार हमारी जीभ पर मुख्य रूप से चार प्रकार की स्वाद कालिकाएं या taste buds पाई जाती हैं। जिनका क्रम आगे से पीछे की ओर निम्न प्रकार होता है- सबसे पहले मीठा, फिर नमकीन, फिर खट्टा और आखिर में कड़वा। चित्र के अनुसार इसे हम एक ट्रिक में भी याद रख सकते हैं "मीठा नमकीन खाकर खट्टा कड़वा हो गया" तो अब आप जान ही गए होंगे कि कड़वे स्वाद के लिए जिम्मेदार स्वाद कलिका जीभ पर अंत में स्थित होती हैं इसलिए कड़वे पन का पता आखिर में चलता है। उदाहरण के तौर पर जब हम ककड़ी को खा लेते हैं तो शुरुआत में है हम हैं उसके पानी वाले तत्व का स्वाद आता है और थोड़ी देर बाद पता चलता है कि वह कड़वी है। 

मां के दूध का स्वाद कैसा होता है


इसके अतिरिक्त एक और पंचवा स्वाद भी पाया जाता है। जिसे यूमामी या umami कहते हैं। जो कि एक जापानी शब्द है जिसका मतलब होता है यम्मी! यह स्वाद मांस, मछली, सॉस, एमसीजी आदि में मुख्य रूप से पाया जाता है। कहा जाता है कि इसमें इसमें चारों स्वाद-मीठा, नमकीन, खट्टा, कड़वा का मिश्रण होता है। कई वैज्ञानिकों के अनुसार इसका स्वाद मां के दूध की तरह होता है जिसे कोई भी इंसान जिंदगी भर तलाश  रहता रहता है। 

तीखापन क्या होता है?? 

जिसे खाने के लिए काफी लोग उत्सुक रहते हैं तो आपकी जानकारी के लिए बता दें कि यह कोई स्वाद नहीं होता बल्कि एक सेंसेशन होता है। 

बचपन और बुढ़ापे में स्वाद की समझ क्यों नहीं होती? 

एक वयस्क वयक्ति की जीभ में लगभग 10,000 स्वाद कालिकाय उपस्थित होती हैं जबकि बच्चों में कम विकसित होती हैं तथा बुढ़ापे में इनकी संख्या धीरे-धीरे कम होती जाती है। इसी कारण बच्चों और बूढ़ों को स्वाद का पता नहीं चलता। (लेखक श्रीमती शैली शर्मा मध्य प्रदेश के विदिशा शहर में अतिथि शिक्षक हैं।)
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