इंदौर। मध्य प्रदेश में कोरोना संक्रमण के बीच इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (आइआइटी) इंदौर ने परीक्षा को लेकर बड़ा फैसला लिया है। अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर रविवार को विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए निदेशक प्रो. नीलेश जैन ने ऑनलाइन परीक्षा के संकेत दिए हैं। यह सिर्फ अंतिम सेमेस्टर के विद्यार्थियों के लिए होगी। हालांकि परीक्षा की तारीख घोषित नहीं की गई है, लेकिन 29 जून तक शुरू होने की संभावना है।
IIT इंदौर से अधिकांश विद्यार्थी लॉकडाउन (24 मार्च) से पहले ही जा चुके है, जो अपने-अपने घरों में ऑनलाइन पढ़ाई कर रहे हैं। प्रबंधन के मुताबिक फाइनल सेमेस्टर के विद्यार्थियों का प्लेसमेंट हो चुका है। परीक्षा नहीं होने से इन्हें डिग्री नहीं मिलेगी और प्लेसमेंट अटक जाएगा। चूंकि कोरोना संक्रमण की स्थिति से उबरने में अधिक समय लग सकता है, इसके चलते बीई, बीटेक और अन्य पीजी कोर्स के फाइनल सेमेस्टर के विद्यार्थियों की परीक्षा कराने की योजना पर काम शुरू हो चुका है।
ऑफलाइन परीक्षा के लिए विद्यार्थियों को कैंपस में आना होगा। इसके बाद 14 दिन का क्वारंटाइन करने से काफी समय बर्बाद होगा। फाइनल सेमेस्टर की ऑनलाइन परीक्षा होगी। यहां तक कि रिजल्ट भी 15 जुलाई तक जारी किया जाएगा। वीडियोग्राफी कर घर भेज देंगे सामान आइआइटी प्रबंधन के अनुसार परीक्षा के लिए विद्यार्थियों से फॉर्म भरवाया जा रहा है। उसमें पता पूछ लिया जाएगा। हॉस्टल में रखे सामान की वीडियोग्राफी कराकर उसे विद्यार्थियों द्वारा दिए गए पते पर कोरियर से भेज दिया जाएगा।
संस्थान से रिसर्च करने वाले शोधार्थियों की संख्या भी अधिक है जिन्हें कैंपस में बुलवाया जा रहा है, मगर शोधार्थी इसके विरोध में हैं। उनका कहना है कि फैकल्टी व अन्य स्टाफ की तरह ही उन्हें भी आने-जाने की सुविधा दी जाए। कुछ शोधार्थी विवाहित हैं, जिनके लिए संस्थान में हॉस्टल व अलग से कोई फ्लैट या कमरा नहीं है। इस पर प्रो. जैन का कहना है कि ई-मेल पर विरोध करने के बजाय इस मुद्दे पर बातचीत करें। अभी कैंपस में 750 विद्यार्थी हॉस्टल में रहते हैं, जबकि इनकी क्षमता 2500 विद्यार्थियों की है। अविवाहित शोधार्थी हॉस्टल में रहकर रिसर्च कर सकते हैं।
प्रो. जैन ने यह भी कहा कि कोरोना की स्थिति सामान्य होने में थोड़ा वक्त लगेगा। तब तक नया सत्र शुरू नहीं किया जा सकता। वैसे नया सत्र अक्टूबर में शुरू होगा। वैसे ऑनलाइन पढ़ाई कराई जाएगी। इसके लिए टीचिंग स्टाफ अपने स्तर पर प्रयास कर रहा है।
परीक्षा देने और सामान लेने के लिए विद्यार्थियों को कैंपस में नहीं आना होगा। उनकी डिग्री और मार्कशीट भी डाक से घर भिजवा दी जाएगी। प्लेसमेंट को ध्यान में रखते हुए ऑनलाइन परीक्षा की योजना है। अभी परीक्षा की पद्धति पर रणनीति बनाई जा रही है।
प्रो. सुनील कुमार, प्रवक्ता, आइआइटी
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