इंदौर। देवी अहिल्या बाई विश्वविद्यालय ने परीक्षाओं की तारीख घोषित कर दी है। सभी तैयारियां पूरी हो चुकी हैं। उच्च शिक्षा विभाग अपना फैसला वापस लेने को तैयार नहीं है। इधर इंदौर शहर में कोरोनावायरस से संक्रमित हुए कॉलेज प्रोफेसर की मौत के बाद स्टूडेंट्स ने संकट के समय में परीक्षाओं का विरोध दर्ज कर दिया है। स्टूडेंट्स का कहना है कि जान हथेली पर लेकर परीक्षा देना समझदारी भरा निर्णय नहीं हो सकता।
कॉलेज मैनेजमेंट भी ऐसे समय में परीक्षा कराने को तैयार नहीं
जुलाई से होने वाली यूजी फाइनल और पीजी चौथे सेमेस्टर की परीक्षाओं को लेकर उच्च शिक्षा विभाग ने 15 जून से शिक्षकों को कॉलेज में उपस्थित रहने का आदेश दिया है। इंदौर में छात्र संगठन के अलावा कॉलेज प्रबंधन भी परीक्षा करवाने के पक्ष में नहीं हैं।लॉकडाउन के चलते घर जा चुके विद्यार्थियों को कुछ दिन बाद परीक्षा के लिए फिर से यहां आना है। उन्हें संक्रमण का डर सताने लगा है। सोशल मीडिया पर विद्यार्थी परीक्षा का विरोध कर रहे हैं। बावजूद इसके सरकार परीक्षा कराने पर अड़ी हुई है।
वापस लौट गए स्टूडेंट इंदौर आने को तैयार नहीं
विद्यार्थियों ने अपने-अपने कॉलेज में संपर्क कर परीक्षा आगे बढ़ाने की गुहार लगाई है, मगर शासन के आदेश के सामने कॉलेज प्रबंधन मजबूर हैं। बीकॉम के छात्र अंकित माहेश्वरी का कहना है कि अभी माता-पिता के साथ सतना में रह रहा हूं। परीक्षा के लिए मुझे आना है। हॉस्टल प्रबंधन ने ठहरने से मना कर दिया। पेपर के बाद रुकने की समस्या है। बीए की छात्रा रवीना श्रीवास्तव का कहना है कि कॉलेज में कई विद्यार्थी होने से संक्रमण फैलने का डर है। परीक्षा ऑनलाइन कराई जा सकती है।