इंदौर। इंदौर शहर में राजनीति के सामने घुटने टेकता प्रशासन मीडिया के कैमरे में कैद हो गया। राजवाड़ा में धरने पर बैठे पूर्व मंत्री जीतू पटवारी के सामने एसडीएम राकेश शर्मा (कार्यपालक मजिस्ट्रेट) घुटनों के बल बैठ गए और उनसे धरना समाप्त करने का आग्रह करते रहे। यह फोटो वीडियो जब सोशल मीडिया पर वायरल हुए तो कलेक्टर नाराज हो गए। उन्होंने एसडीएम को नोटिस थमाया है। अपडेट:-
INDORE में कांग्रेस विधायकों के सामने घुटने टेकने वाले SDM-CSP हटाए, विधायकों के खिलाफ FIR
मुख्यमंत्री द्वारा एसडीएम को हटाने से कैलाश विजयवर्गीय नाराज
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मुख्यमंत्री द्वारा एसडीएम को हटाने से कैलाश विजयवर्गीय नाराज
इंदौर कलेक्टर श्री मनीष सिंह ने नोटिस में लिखा कि जनप्रतिनिधियों से इस स्वरूप में चर्चा कार्यपालक मजिस्ट्रेट की पदीय गरिमा और प्रशासनिक अनुशासन, आचरण के अनुरूप नहीं है। बता दें कि शुक्रवार को पूर्व विधायक सुदर्शन गुप्ता ने कमला नेहरू कॉलोनी के मैदान पर केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर के जन्मदिन पर राशन वितरण कार्यक्रम का आयोजन किया था। राशन के लिए जुटी भीड़ सोशल डिस्टेंसिंग को भूल गई और जमकर धक्का-मुक्की हुई।
वीडियो वायरल होने पर कांग्रेस ने पुलिस से शिकायत की, जिसके बाद पुलिस ने पूर्व विधायक सुदर्शन गुप्ता समेत कुछ लोगों पर धारा 188 के तहत केस दर्ज किया। मामला दर्ज हो जाने के बावजूद पूर्व मंत्री जीतू पटवारी, विधायक संजय शुक्ला, विधायक विशाल पटेल और शहर कांग्रेस अध्यक्ष विनय बाकलीवाल को अपने साथ लेकर धरने पर बैठ गए।
बिना अनुमति के धरने पर बैठे नेताओं को समझाने के लिए कार्यपालक मजिस्ट्रेट एवं एसडीएम राकेश शर्मा पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचे। यहां एसडीएम ने घुटनों के बल बैठकर जीतू पटवारी समेत सभी से बात की। जिसका वीडियो वायरल हो गया।
SDM, कारण बताओ कि ऐसा क्या हुआ जो आपको घुटनों के बल बैठना पड़ा
कलेक्टर मनीष सिंह ने एसडीएम शर्मा को कारण बताओ नोटिस जारी करते हुए लिखा- राजबाड़ा में मां अहिल्या बाई की प्रतिमा के समक्ष बिना अनुमति धरना दे रहे जनप्रतिनिधियों के समक्ष जिस स्वरूप में एसडीएम द्वारा जाकर चर्चा की गई है, वह एक कार्यपालक मजिस्ट्रेट की गरिमा एवं प्रशासनिक अनुशासन और आचरण के अनुरूप बिल्कुल नहीं था। इससे प्रशासन की छवि धूमिल हुई है। एसडीएम शर्मा आप कारण बताओ ऐसी क्या वजह हुई कि आपको नेताओं के सामने घुटने पर बैठना पड़ा।
कलेक्टर बोले - देखकर मुझे खुद बुरा लगा
कलेक्टर ने मीडिया से चर्चा में कहा कि बिना अनुमति के धरने में बात करने गए थे तो एक मजिस्ट्रेट की मर्यादा, गरिमा और प्रशासनिक अनुशासन होता है। आप वहां एक प्रशासनिक सिस्टम के पार्ट के रूप में गए हो। आपको बात करनी थी तो खड़े होकर बात करते, मुझे वह देखकर खुद खराब लग रहा है। जो लोग धरने पर बैठे थे उनका पूरा सम्मान है। जो अधिकारी गए उन्हें भी मर्यादा में रहकर प्रक्रिया पूरी करना थी। वे जिस प्रकार से बैठे हैं, उसे देखकर नोटिस जारी किया है।