जबलपुर। Joy Senior Secondary School Jabalpur मैनेजमेंट को कलेक्टर बहुत यादव ने नोटिस भेज कर जवाब तलब किया है। जबलपुर जिला प्रशासन की ओर से प्रेस को भेजी गई आधिकारिक सूचना के अनुसार कलेक्टर भरत यादव ने जॉय सीनियर सेकेण्ड्री स्कूल विजयनगर के प्रबंधक और प्राचार्य से फीस के संबंध में अभिभावक के साथ बातचीत के सोशल मीडिया पर जारी वीडियो के संबंध में तीन दिवस के भीतर स्पष्टीकरण देने का निर्देश दिया है।
आपत्तिजनक शब्दों का उपयोग किया गया
स्पष्टीकरण देने के लिये कलेक्ट्रेट कार्यालय से जारी पत्र में कहा गया है कि 23 जून से सोशल मीडिया पर जॉय सीनियर सेकेण्ड्री स्कूल विजयनगर की प्राचार्य और अभिभावक के बीच चर्चा के दौरान, पूरी फीस जमा करने के संबंध में बहस की जा रही है। जिसमें आपत्तिजनक शब्दों का प्रयोग भी किया जा रहा है, यह वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से चल रहा है।
प्राथमिक जांच में पाया, स्कूल प्रबंधन पूरी फीस के लिए दबाव बना रहा है
कलेक्टर श्री यादव ने प्रबंधन को जारी पत्र में उल्लेखित किया है कि, राज्य शासन के स्कूल शिक्षा विभाग ने निर्देशित किया था कि वर्तमान शैक्षणिक सत्र 2020-21 के लिये अशासकीय विद्यालयों द्वारा लॉकडाउन अवधि में मात्र शिक्षण शुल्क प्रभारित किया जा सकेगा, इसके अतिरिक्त अन्य किसी भी प्रकार का शुल्क नहीं लिया जायेगा लेकिन राज्य शासन द्वारा तदाशय का आदेश जारी करने के बाद भी आपके द्वारा अभिभावक पर पूरी फीस जमा करने का दबाब दिया जा रहा है। इसलिये इस संबंध में तीन दिन के भीतर संस्था अपना स्पष्टीकरण प्रस्तुत करे।
2 मिनट से ज्यादा का वीडियो
फेसबुक और वाट्सएप में तेजी से वायरल हुए वीडियो में एक महिला प्राचार्य और छात्र की मां के बीच फीस व अन्य मुद्दों पर चर्चा होती दिखती है लेकिन अचानक ही प्राचार्य के द्वारा अभिभावक से कहा सुनी हो जाती है और मामला तूल पकड़ लेता है। (वीडियो देखने पर एहसास होता है कि प्राचार्य द्वारा स्टूडेंट की मां पर हमला किया गया) छात्र की मां के द्वारा प्राचार्य पर आरोप लगते दिखते है कि उसका मोबाइल फेंका गया। इस पूरे वीडियो में हालांकि कहीं भी जॉय स्कूल का नाम या अन्य जानकारी देखने नहीं मिलती।
स्कूल प्रबंधन ने कहा वीडियो हमारा नहीं है
जॉय सीनियर सेकंडरी स्कूल के प्रबंधक अखिलेश मेबन ने इस मामले में विजय नगर थाने में शिकायत सौंपी है। इसमें कहा गया है कि वायरल वीडियो का संबंध उनके स्कूल से नहीं है। इस तरह असत्य वीडियो की जांच करके कार्रवाई की जाए। भोपाल समाचार की टीम द्वारा की गई प्रारंभिक पड़ता में पाया गया कि वायरल वीडियो मध्यप्रदेश के किसी भी स्कूल का नहीं है। यह वीडियो 5 दिन पहले बिहार में वायरल हुआ था।
स्कूल प्रबंधन के खिलाफ कौन-कौन से मामले दर्ज हो सकते हैं
महिला प्राचार्य ने एक पुरुष कर्मचारी को बुलाकर अकेली महिला को धमकी देने की कोशिश की।
महिला प्राचार्य ने फेस मास्क नहीं पहना था। राष्ट्रीय आपदा अधिनियम 2005 का उल्लंघन है।
महिला प्राचार्य के बुलाने पर आए पुरुष अधिकारी ने बातचीत के दौरान फेस मास्क महिला को संक्रमण का भय (जान का खतरा) दिखाया। राष्ट्रीय आपदा अधिनियम 2005 का उल्लंघन एवं भारतीय दंड संहिता के अनुसार जान का खतरा उत्पन्न करने का मामला।
पीड़ित महिला कहां शिकायत कर सकती है
एडवोकेट शैलेंद्र चौधरी बताते हैं कि वायरल वीडियो को देखने के बाद निम्न सलाह दी जाती है। पीड़ित महिला संबंधित पुलिस थाने में शिकायत कर सकती है। यदि पुलिस थाने के अधिकारी उचित कार्रवाई करने से इनकार करते हैं तो पुलिस अधीक्षक जबलपुर को शिकायत की जा सकती है। यदि 15 दिवस के भीतर जबलपुर पुलिस अधीक्षक की तरफ से कोई उचित कार्यवाही नहीं होती तो पीड़ित महिला न्यायालय में इस्तगासा दाखिल कर सकती है। न्यायालय महिला की शिकायत का परीक्षण करने के बाद पुलिस को आदेशित कर सकता है कि आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज कर उन्हें कोर्ट में पेश करें। महिला को अपमानित किया गया। भारतीय दंड संहिता के तहत मानहानि का मामला दर्ज हो सकता है।