भोपाल। भले ही कांग्रेस में एकता का प्रदर्शन करने के लिए राज्यसभा चुनाव के बाद कमलनाथ और दिग्विजय सिंह एक दूसरे को लड्डू खिलाते हुए फोटो खींचवाए परंतु पार्टी में दरार और रिश्तो में गठान साफ नजर आती है। लॉकडाउन में कांग्रेस पार्टी का बैनर लगाकर अपनी जेब से हजारों गरीबों को भोजन वितरित करने वाले टीम दिग्विजय सिंह के कॉन्ग्रेस नेता गोविंद गोयल ने कोषाध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया है।
कमलनाथ ने इस्तीफा स्वीकार कर प्रकाश जैन को प्रभार सौंपा
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने गोविंद गोयल के आग्रह को स्वीकार करते हुए कांग्रेस कोषाध्यक्ष पद का प्रभार प्रकाश जैन, उपाध्यक्ष प्रदेश कांग्रेस कमेटी को दे दिया है।कमलनाथ को 23 जून, 2020 को पत्र लिखकर कोषाध्यक्ष पद से मुक्त करने हेतु गोविंद गोयल ने आग्रह किया था।
सूत्रों के मुताबिक, इस्तीफे की पेशकश में उन्होंने अपने विरोधी और पार्टी के कुछ नेताओं का नाम लिए बिना उनकी कार्यप्रणाली पर तंज कसा है। उन्होंने कहा है कि वे कांग्रेस में 50 साल से पूरी निष्ठा से काम कर रहे हैं मगर जब कोषाध्यक्ष बने तो कुछ नेताओं को इससे असुविधा हुई। कोषाध्यक्ष होने के बाद भी उनकी उपेक्षा की गई है।
बताया जाता है कि गोयल ने पत्र में कांग्रेस में अपने तीन बार के महामंत्रीत्वकाल का हवाला दिया और कहा कि वे संगठन में पूरे समर्पण से काम करते रहे। उनकी लोकसभा और विधानसभा चुनाव लड़ने की इच्छा थी लेकिन टिकट नहीं मिला। इसके बाद भी वे पार्टी के लिए जिम्मेदारी से काम करते रहे। सूत्रों ने बताया कि कमल नाथ को लिखे पत्र में उन्होंने कहा है कि पीसीसी के पदाधिकारियों द्वारा उन पर पार्ट टाइम नेता के आरोप भी लगाए जाते रहे,
सूत्रों के मुताबिक, इस्तीफे की पेशकश में उन्होंने अपने विरोधी और पार्टी के कुछ नेताओं का नाम लिए बिना उनकी कार्यप्रणाली पर तंज कसा है। उन्होंने कहा है कि वे कांग्रेस में 50 साल से पूरी निष्ठा से काम कर रहे हैं मगर जब कोषाध्यक्ष बने तो कुछ नेताओं को इससे असुविधा हुई। कोषाध्यक्ष होने के बाद भी उनकी उपेक्षा की गई है।
बताया जाता है कि गोयल ने पत्र में कांग्रेस में अपने तीन बार के महामंत्रीत्वकाल का हवाला दिया और कहा कि वे संगठन में पूरे समर्पण से काम करते रहे। उनकी लोकसभा और विधानसभा चुनाव लड़ने की इच्छा थी लेकिन टिकट नहीं मिला। इसके बाद भी वे पार्टी के लिए जिम्मेदारी से काम करते रहे। सूत्रों ने बताया कि कमल नाथ को लिखे पत्र में उन्होंने कहा है कि पीसीसी के पदाधिकारियों द्वारा उन पर पार्ट टाइम नेता के आरोप भी लगाए जाते रहे,
मध्यप्रदेश में 2 कांग्रेस एक सूचीबद्ध दूसरी सक्रिय
वर्तमान में मध्यप्रदेश में 2 कांग्रेस पार्टियां साफ नजर आती हैं। एक है दिग्विजय सिंह कांग्रेस और दूसरी कमलनाथ कांग्रेस। कमलनाथ कांग्रेस के ज्यादातर नेता महत्वपूर्ण पदों पर मौजूद है। जो नहीं है वह किसी ऐसी कुर्सी के पीछे खड़े हैं जिस पर टीम दिग्विजय सिंह का व्यक्ति विराजमान है। दिग्विजय सिंह कांग्रेस के ज्यादातर नेता महत्वपूर्ण पदों पर नहीं है लेकिन जमीनी स्तर पर ज्यादा सक्रिय हैं। बिकाऊ और टिकाऊ के अलावा कांग्रेस में कुछ निष्ठावान नेता ऐसे भी हैं जो पार्टी के अंदर मौजूद पार्टीबंदी से तंग आ गए हैं। विचारधारा के कारण भाजपा में जा नहीं सकते परंतु कांग्रेस में काम करने का मन नहीं कर रहा। तीसरे संगठन का इंतजार किया जा रहा है।
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