मध्यप्रदेश विधानसभा अध्यक्ष: सीताशरण को बनाना नहीं चाहते और गोपाल भार्गव बनना नहीं चाहते / MP NEWS

Bhopal Samachar
भोपाल। भारतीय जनता पार्टी की मध्यप्रदेश इकाई में इन दिनों काफी उथल-पुथल मची हुई है। 2018 का विधानसभा चुनाव हार जाने के बाद सत्ता तो हाथ में आ गई लेकिन पदों को लेकर जो लड़ाई शुरू हुई है, थमने का नाम ही नहीं ले रही। फिलहाल मामला विधानसभा अध्यक्ष और उपाध्यक्ष का है। मानसून सत्र की अधिसूचना जारी हो चुकी है और इन 2 पदों पर फैसला करना अनिवार्य है। 

सीताशरण शर्मा को बनाना नहीं चाहते 

होशंगाबाद जिले के नेता सीताशरण शर्मा पिछली सरकार में विधानसभा अध्यक्ष थे। उन्हें यह कुर्सी काफी पसंद आ गई है। वह फिर से इसी कुर्सी पर बैठना चाहते हैं लेकिन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान सीता शरण शर्मा को विधानसभा अध्यक्ष नहीं बनाना चाहते। कारण क्या है सब जानते हैं। 

गोपाल भार्गव बनना नहीं चाहते 

सीएम शिवराज सिंह चौहान एक तीर से दो निशाने करने के मूड में है। वह गोपाल भार्गव को विधानसभा अध्यक्ष बनाना चाहते हैं। ऐसा करने से गोपाल भार्गव कैबिनेट से बाहर हो जाएंगे और सीता शरण शर्मा भी विधानसभा अध्यक्ष नहीं बन पाएंगे। गोपाल भार्गव ने विधानसभा अध्यक्ष बनने से इनकार कर दिया है। 

अगला टारगेट कौन, पुतला दहन किसका होगा

ज्यादातर लोग यह समझने की कोशिश कर रहे हैं कि विधानसभा अध्यक्ष और उपाध्यक्ष कौन बनेगा। शिवराज सिंह चौहान उपाध्यक्ष की कुर्सी विपक्षी पार्टी कांग्रेस को देंगे या नहीं लेकिन इन सबसे अलग एक बड़ा सवाल यह भी है कि भारतीय जनता पार्टी में अगला पुतला दहन किसका होगा। इतिहास गवाह है! मध्य प्रदेश में भाजपा के सत्ता में रहते हुए हर साल कम से कम एक वरिष्ठ भाजपा नेता बलि चढ़ गया है। फिर चाहे वह व्यापम घोटाला हो या सीडी कांड। सवाल यह है कि अगला कौन।

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