भोपाल। मध्यप्रदेश में 1500 सब इंस्पेक्टर और 15000 कॉन्स्टेबल की भर्ती प्रक्रिया दो पक्षों की जिद और सरकार की लापरवाही के कारण लगातार अटकी हुई है। पुलिस मुख्यालय के नीति निर्धारक चाहते हैं कि भर्ती परीक्षा का आयोजन मध्य प्रदेश पुलिस विभाग द्वारा किया जाए जबकि दूसरा पक्ष चाहता है कि मध्य प्रदेश पुलिस रिक्रूटमेंट एग्जाम प्रोफेशनल एग्जामिनेशन बोर्ड भोपाल द्वारा आयोजित किए जाएं। दूसरे पक्ष के समर्थन में उम्मीदवार लगातार प्रदर्शन भी कर रहे हैं।
MP POLICE VACANCY: पुलिस डिपार्टमेंट को MP PEB पर भरोसा नहीं
मध्य प्रदेश में आखिरी बार पुलिस की भर्ती साल 2017 में हुई थी। तब से किसी न किसी कारण से यह भर्ती प्रक्रिया टलती रही। इस साल जनवरी में उप निरीक्षक के डेढ़ हजार और सिपाही के पंद्रह हजार पदों पर भर्ती की पूरी तैयारी हो गई थी। यह भर्ती हर बार की तरह इस बार भी PEB से होनी थी, लेकिन इसी बीच पुलिस मुख्यालय की चयन शाखा ने भर्ती नियम बनाकर यह परीक्षा खुद ही कराने का प्रस्ताव राज्य शासन को भेज दिया है।
MP POLICE RECRUITMENT: तत्कालीन सीएम कमलनाथ कोई फैसला ही नहीं ले पाए
ऐसी सिचुएशन में जब दो पक्ष आमने-सामने आ गए थे, फैसला सीएम कमलनाथ को लेना था लेकिन हमेशा की तरह इस मामले में भी सीएम कमलनाथ कोई फैसला नहीं ले पाए। मुख्यमंत्री पद पर आने के बाद से कमलनाथ अक्सर ऐसे उल्लू के मामलों के निराकरण के लिए एक कमेटी का गठन करके प्रक्रिया को लंबा कर देते थे। इस मामले में तो उन्होंने कोई कमेटी भी गठित नहीं की।
MP POLICE JOB NOTIFICATION अब गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा के हाथ में
मध्य प्रदेश पुलिस की भर्ती प्रक्रिया पूरी तरह से गृह मंत्री डॉ नरोत्तम मिश्रा के हाथ में है। कहा जाता है कि उनके मामलों में मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान भी हस्तक्षेप नहीं करते। पुलिस मुख्यालय अपना प्रस्ताव बनाकर भेज चुका है। दूसरा पक्ष भी अपने तर्क और दलीलें ज्ञापन के जरिए प्रस्तुत कर चुका है। अब केवल एक फैसला करना है जो निश्चित रूप से कठिन होगा। देखते हैं डॉ नरोत्तम मिश्रा इस बीमारी का क्या इलाज करते हैं।
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