मजबूरी भी शौक को जन्म देती है: SUCCESS TIPS by विनय तिवारी IPS

Bhopal Samachar
पढ़ने का शौक नहीं था, पढ़ाई शुरू तो मजबूरी में की थी। आर्थिक सुरक्षा की गारंटी पढ़ाई में दिखी थी। लगता था जैसे निश्चिंत हो जाऊंगा, पर मन की शांति सिर्फ अर्थ से नहीं आती अपितु अर्थ से तो नहीं ही आएगी यह निश्चित है। मजबूरी भी शौक को जन्म देती है।

पापा ने कहा: त्याग करोगे तो अच्छा पाओगे

आईआईटी बीएचयू से एक अच्छी नौकरी मिली थी। पापा से पूछा कि कहीं जाकर तैयारी करना कठिन होता है। पैसे तो लगते ही है बहुत ज्यादा और सुना था कि यूपीएससी बहुत कठिन परीक्षा है। नौकरी के साथ साथ प्रयास कर लूंगा। पापा ने कहा कि देखो त्याग करोगे तो अच्छा पाओगे। सपना देखा है तो उसको पूरा करने का प्रयास पूरे मन से करो।

असफलता मिली तो विषय बदल कर दूसरा प्रयास किया

पहले प्रयास में जब मेरा चयन नहीं हुआ तो भी प‍िता से ही बल मिला। पिता ने कहा कि बड़ी परीक्षा में पहले प्रयास से नहीं होता है। अब दोबारा उन्होंने गण‍ित विषय को छोड़ने का निर्णय लिया। अब दोबारा में समाज शास्त्र, भूगोल और इतिहास विषय से पढ़ना शुरू किया तो दूसरे प्रयास में ही सफलता मिल गई।

विनय तिवारी (आईपीएस) का परिचय

दूसरे प्रयास से UPSC EXAM में सफल हुए विनय तिवारी वर्तमान में बिहार की राजधानी पटना में तैनात हैं। उन्होंने अपने किसान पिता के काबिल बेटे होने का फर्ज निभाया है। विनय तिवारी आज भी IPS की तैयारी कर रहे अभ्यर्थि‍यों को अपने ब्लॉग dreamstrugglebepositive के जरिये टिप्स देते हैं।

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