भोपाल। अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक भोपाल जोन, भोपाल श्री उपेन्द्र जैन एवं पुलिस उप महानिरीक्षक भोपाल (शहर) श्री इरशाद वली द्वारा विशेष अभियान के तहत कार्यवाही करने जालसाजों/ठगों संपत्ति संबंधी अपराधी की धरपकड़ हेतु आदेशित किया गया है। उक्त तारतम्य में पुलिस अधीक्षक मुख्यालय श्री धर्मवीर सिंह के मार्गदर्शन में थाना काइम ब्रांच भोपाल की टीम को आज दिनांक 20/07/20 को मुखबिर द्वारा सूचना प्राप्त हुई थी, कि भोपाल न्यायालय परिसर के बाहर विभिन्न प्रकरणों में गिरफतार शुदा जरूरतमंद आरोपियों की जमानत हेतु अवैध तरीके से नकली बही ऋण पुस्तिका तैयार कर उसमें संबंधित अधिकारी की कूटरचित सील मुद्रा लगाकर माननीय न्यायालय में प्रस्तुत करके अवैध तरीको से जमानत कराने वाले गिरोह के लोग बैठे हुए है।
थाना काइम ब्रांच भोपाल की टीम द्वारा मुखबिर की सूचना पर न्यायालय परिसर भोपाल के बाहर 02 महिला व 08 पुरूष रोड किनारे बैठे थे, जिनके पास पहुचकर उनका नाम पता पूछने पर संतोषजनक उत्तर नहीं दे पा रहे थे। उनके नाम पते पूछे जाने पर 1-गणेश मकवाना पुत्र काशीराम मकवाना (गुजराती दर्जी) उम्र 60 साल निवासी मन .9/ 9 विश्वकर्मा नगर थाना निशातपुरा भोपाल 2- राजेन्द्र सिंह मीणा पिता बाबूलाल मीना 38 साल निवासी मीनाखेडी वैरागढ चीचली थाना कोलार 3- संजय श्रीवास्तव पुत्र वंसत श्रीवास्तव आयु 42 साल निवासी गली नं.-3 नवजीवन कालोनी त्रिपाठी जी का मकान थाना छोला मंदिर भोपाल 4 संदीप कुशवाहा पुत्र पर्वत सिंह कुशवाहा 32 साल निवासी बड़ी मस्जित के पास तारा सिंह यादव का मकान वार्ड क्र.-7 मंडीदीप जिला रायसेन 5-रमेश यादव पुत्र विहारीलाल यादव 30 साल निवासी नवीन नगर शिव मंदिर के बगल मे किराये का मकान थाना ऐशबाग भोपाल 6- दुर्गेश यादव पुत्र ओमप्रकाश यादव 28 साल निवासी नवीन नगर शिव मंदिर के बगल मे किराये का मकान थाना ऐशबाग भोपाल 7- नरेश मेवाडा उर्फ कालीचरण पुत्र लक्ष्मन सिंह मेवाजा 28 साल निवासी झुग्गी नं. 52 नयापुरा जेल रोड थाना गांधीनगर भोपाल 8-लोकेश यादव पुत्र सुरेश यादव 50 साल निवासी ब्लाक नं .5 मन, 996 एकतापुरी थाना अशोकागार्डन भोपाल 9-आशिया बी पत्नी राजेन्द्र सिंह मीणा 35 साल निवासी मीनाखेडी वैरागढ चीचली थाना कोलार 10 माया बाई पत्नी दुर्गेश यादव 32 साल निवासी नवीन नगर शिव मंदिर शिव मंदिर के बगल मे किराये का मकान थाना ऐशबाग भोपाल का रहने वाले बताये।
विस्तृत पूछताछ पर लोकेश यादव द्वारा जमानत कराने हेतु न्यायालय में बुलाने पर अपनी अपनी फर्जी बही लेकर आये है जमानत कराने पर जो पैसा मिलता है उसमे से लोकेश भी अपना हिस्सा लेता है व फर्जी बही गणेश मकवाना द्वारा उपलब्ध कराई जाना बताया।
पूछताछ पर संदेही संजय श्रीवास्तव से तीन फर्जी बही व आधार कार्ड, दुर्गेश उर्फ कपिल से एक फर्जी बही एंव दो रबर सील व आधार कार्ड दो सील इंक पैड एक काला और एक नीला माया बाई यादव से एक फर्जी बही व आधार कार्ड नरेश उर्फ कालीचरण से एक फर्जी वही व आधार कार्ड, संदीप से दो फर्जी बही व एक आधार कार्ड, रमेश यादव से एक फर्जी बही और दो आधार कार्ड, राजेन्द्र सिंह मीना के पास से दो बही व एक आधार कार्ड, महिला आशिया मीना के पास से 4 फर्जी बही एंव आधार कार्ड, लोकेश मीना का आधार कार्ड गणेश मकवाना का मतदाता परिचय पत्र एंव एक ब्लेंक बही, मिली जिन पर संबधित न्यायालय में पूर्व मे 58 से* अधिक प्रकरणों जमानते प्राप्त की गयी है। न्यायालय में जमानत लिये जाने के संबधित न्यायालय का उल्लेख है। विगत दो वर्ष से अवैध रूप से जमानत कराने के कार्य में लिप्त है।
कार्य का तरीका
गिरफ्तार आरोपियों द्वारा पूछताछ पर बताया कि राजेन्द्र मीणा, संजय श्रीवास्तव दुर्गेश उर्फ कपिल की टीम में ऋण पुस्तिका वाले (बही) वाले लोग जुड़े हुये है। जब कोई गिरफतारशुदा जरूरतमंद व्यक्ति जिसे जमानत की आवश्यकता हो तो उसके परिवार से मिलकर राजेन्द्र मीणा जमानतदारो को बुलाता था जिसमें संजय श्रीवास्तव, गणेश मकवाना, आशिया माया, संदीप रहते थे। राजेन्द्र मीणा यह तय करता था कि यह काम जमानतदार किसको सौंपना है। जब यह तय हो जाता है कि यह काम कौन करेगा। उसके बाद राजेन्द्र मीणा जिस आरोपी की जमानत लेना है उसके परिवार वालों से मिलवाता था और जिसकी जमानत लेना है उसके बारे में उसके परिवार से पूरी जानकारी लेता था। जानकारी लेने के बाद जमानतदार, जिसकी जमानत लेना होती है उसका रिश्तेदार या पारिवारिक संबंध वाला बन जाता था और एक वही पर रिहर्सल करते थे। जब पूरी तरह से जमानतदार एवं परिवार वाले आपस में मिल जाते थे उसके बाद कोर्ट में जमानत के लिए खड़े होते थे और इस तरीके का व्यवहार करते थे जिससे सभी को यह विश्वास हो जाये कि एक दूसरे को जमानतदार एवं परिवार वाले बहुत अच्छे से जानते है। कई बार तो ऐसा भी हुआ है कि इन लोगों ने कोर्ट के सामने विश्वास दिलाने के लिए यह बात भी कही है कि " आज जमानत कराये दे रहा हूँ आज के बाद कभी मुझे मत बुलाना, इसको जेल में ही सड़ने देना। इस तरह की वार्तालाप से सभी को यह यकीन हो जाता था कि वास्तव में यह इनका हिमायती है। वास्तविक रूप से एक दूसरे को न ये जानते हैं और न ही पहचानते है। जमानतदार द्वारा जब अपनी कला का प्रदर्शन कर जमानत करा दी जाती है तो उसके बाद कोर्ट के बाहर निकलकर मनमाने पैसे परिवार वालों से वसूलते | जमानतदार उसके बाद राजेन्द्र मीणा से फिर संपर्क करता था और उसके बाद अगले ग्राहक की तलाश में चल देते थे।
प्रकरण में सबसे दिलचस्प बात यह है कि इन जमानतदारों द्वारा ऋण पुस्तिका (बही) के अंदर लगे पृष्ठ (पेज) जिस पर जमानत दी जाने संबंधी न्यायालय की सील लगाई जाती है, वह पृष्ठ (पेज) ऋण पुस्तिका से बाहर कर दिया जाता है और ऋण पुस्तिका में दूसरा नया पृष्ठ (पेज) लगा दिया जाता है और ऋण पुस्तिका (बही) इस प्रकार की तैयार कर दी जाती है मानो उस पर पहली जमानत ली जा रही है।
इन आरोपियों से काफी ऋण पुस्तिकाएँ (बही) एवं वे पन्ने जिनमें इनके द्वारा जमानत ली गई है और ऋण पुस्तिका से हटा दिया गया है, जप्त किये गये है जिनका सत्यापन कराया जा रहा है। इन आरोपियों द्वारा जप्त किये गये पन्नो से एवं ऋण पुस्तिका में इन आरोपियों द्वारा विगत दो वर्षों में लगभग 58 से अधिक आरोपियों की जमानतें कराई जा चुकी है।
प्रकरण में दस्तावेजो के अवलोकन से उक्त आरोपीयों द्वारा विना विधि पूर्ण प्राधिकार के वेईमानी पूर्वक, षडयंत्र पूर्वक, भूमि आधिपत्य से संवधित मिथ्या बही की कूटचरना कर उसमे अवैध लाभ प्राप्त करने के लिये समक्ष अधिकारी के कूटचरित हस्ताक्षर कर, वास्तविक सील जैसी नकली सील लगाकर कूटरचित दस्तावेजो का असल के रूप में उपयोग कर एंव माननीय न्यायालय के समक्ष मिथ्या होते हुये वास्तविक भूमि स्वामी होना बताकर अर्थात प्रतिरुपण कर विभिन्न आपराधिक प्रकरणो मे गिरप्तार शुदा आरोपियो की अवैध रुप से जमानत का सहमति एंव सम्मलित रुप से अवैध लाभ प्राप्त करने के लिये आपराधिक षडयंत्र करना पाये जाने से आरोपियों का कृत्य धारा- 419, 420, 467, 468, 471, 205, 120 बी भादवि के अन्तर्गत दण्डनीय पाया जाने से विधिवत मुताविक जप्ती पत्रक गवाहानो बी के समक्ष अप.क्र. -0/20/ धारा-419, 420, 467, 468, 471, 205, 120 भादवि का प्रकरण पंजीबद्ध कर आरोपियों को गिरफतार किया गया है। जिन्हे न्यायालय पेश किया जा रहा है।
इन आरोपियों से काइम ब्रांच की टीम द्वारा पृथक-पृथक पूछताछ की जा रही है एवं यह प्रयास किया जा रहा है कि जिन आरोपियों की इनके द्वारा जमानत कराई गई है वे वास्तविक रूप से माननीय न्यायालय में तारीख पेशी पर उपस्थित हो रहे हैं अथवा नहीं आरोपी संजय श्रीवास्तव, गणेश मकवाना, राजेन्द्र मीणा पूर्व में आपराधिक रिकार्ड रहा है।
गिरफ्तार आरोपियों का विवरण-
1-गणेश मकवाना पुत्र काशीराम मकवाना (गुजराती दर्जी) उम्र 60 साल निवासी मन .9/ 9 विश्वकर्मा नगर थाना निशातपुरा भोपाल।
2- राजेन्द्र सिंह मीणा पिता बाबूलाल मीना 38 साल निवासी मीनाखेडी वैरागढ चीचली थाना कोलार।
3- संजय श्रीवास्तव पुत्र वंसत श्रीवास्तव आयु 42 साल निवासी गली नं.-3 नवजीवन कालोनी त्रिपाठी जी का मकान थाना छोला मंदिर भोपाल।
4 संदीप कुशवाहा पुत्र पर्वत सिंह कुशवाहा 32 साल निवासी बड़ी मस्जित के पास तारा सिंह यादव का मकान वार्ड क्र.-7 मंडीदीप जिला रायसेन।
5-रमेश यादव पुत्र विहारीलाल यादव 30 साल निवासी नवीन नगर शिव मंदिर के बगल मे किराये का मकान थाना ऐशबाग भोपाल।
6- दुर्गेश यादव पुत्र ओमप्रकाश यादव 28 साल निवासी नवीन नगर शिव मंदिर के बगल मे किराये का मकान थाना ऐशबाग भोपाल।
7- नरेश मेवाडा उर्फ कालीचरण पुत्र लक्ष्मन सिंह मेवाजा 28 साल निवासी झुग्गी नं. 52 नयापुरा जेल रोड थाना गांधीनगर भोपाल।
8-लोकेश यादव पुत्र सुरेश यादव 50 साल निवासी ब्लाक नं .5 मन, 996 एकतापुरी थाना अशोकागार्डन भोपाल।
9-आशिया बी पत्नी राजेन्द्र सिंह मीणा 35 साल निवासी मीनाखेडी वैरागढ चीचली थाना कोलार।
10 माया बाई पत्नी दुर्गेश यादव 32 साल निवासी नवीन नगर शिव मंदिर शिव मंदिर के बगल मे किराये का मकान थाना ऐशबाग भोपाल।
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