भोपाल। पूर्वी दिल्ली स्थित गांधी नगर के रहने वाले सुधीर कुमार मक्कड़ उर्फ गोल्डन बाबा का निधन हो गया है। लंबी बीमार के बाद गोल्डन बाबा ने मंगलवार देर रात आखिरी सांस ली। उनका इलाज एम्स में चल रहा था।गोल्डन बाबा हरिद्वार के कई अखाड़ों से जुड़े रहे हैं और उनके खिलाफ कई आपराधिक मामले दर्ज थे।
केदारनाथ त्रासदी में पहना हुआ पूरा सोना सहायता कोष के लिए दान
उज्जैन में आयोजित सिंहस्थ में पहली बार गोल्डन पुरी बाबा ने अपना कैंप लगाया था करीब तीन वर्ष पहले बाबा ने केदारनाथ त्रासदी के दौरान शरीर पर पहना पूरा सोना सहायता कोष के लिए दान कर दिया था। इसके बाद फिर सोने के आभूषण पहनना शुरू कर दिया था। वर्तमान में बाबा करीब 11.5 किलो सोने के आभूषण पहनते थे।
उनका मानना था कि यह आभूषण उनके देवी-देवताओं के पूजन का माध्यम है, इसलिए मन तो रोज सोने के नए आभूषण पहनने का करता है। जब भी संभव होता है, वह देवी-देवताओं के नाम से सोने का नया आभूषण पहन लेते हैं। शुरुआत उन्होंने भोले बाबा का लॉकेट पहना था और अब गले में 21 लॉकेट हैं जिनमें मां लक्ष्मी, सरस्वती, दुर्गा, हनुमानजी, दत्त भगवान आदि शामिल हैं। साथ ही हाथों में भी गोल्डन बाबा के नाम के बेल्ट पहने हुए हैं।
सोने के आभूषण देवी-देवताओं के पूजन और उन्हें प्रसन्न रखने का माध्यम है। वह सुबह स्नान के बाद इनकी पूजा करते हैं और फिर इन्हें धारण करते हैं। दिन में यदि शौच जाते हैं तो इन्हें पहले उतारते हैं। शौच के बाद फिर स्नान व इनका पूजन कर ही धारण करते हैं।
दिल्ली में गारमेंट्स का कारोबार
गोल्डन बाबा का असली नाम सुधीर कुमार मक्कड़ है. वह मूल रूप से गाजियाबाद के रहने वाले थे। बताया जाता है कि संन्यासी बनने से पहले सुधीर कुमार मक्कड़ दिल्ली में गारमेंट्स का कारोबार करते थे। अपने पापों का प्रायश्चित करने के लिए सुधीर कुमार मक्कड़ गोल्डन बाबा बन गए। गांधी नगर के अशोक गली में गोल्डन बाबा का आश्रम है।
गोल्डन बाबा दिल्ली के पुराने हिस्ट्रीशीटर थे
गोल्डन बाबा पूर्वी दिल्ली के पुराने हिस्ट्रीशीटर थे। हिस्ट्रीशीट का मतलब थाने में खोला गया बाबा के नाम का वो बही-खाता जिसमें उनके तमाम छोटे-बड़े गुनाहों का पूरा हिसाब-किताब दर्ज हैं। इन मुकदमों में अपहरण, रौती, जबरन वसूली, मारपीट, जान से मारने की धमकी जैसे तमाम छोटे-बड़े गुनाह शामिल हैं।