अमित चतुर्वेदी। 30 जून को सेवा से रिटायर होने वाले शासकीय कर्मचारियों को एक जुलाई को देय वेतनवृद्धि का लाभ मिलना चाहिये, इस संबंध में कर्मचारियों के बीच चर्चा है। 30 जून को रिटायर कर्मचारियों को, निम्नलिखित विधिक आधारों पर, जुलाई में देय, वेतन वृद्धि का पात्र माना गया है-
1- कर्मचारी द्वारा वर्ष भर सेवा करने के पश्चात, सेवा के बदले में मिलने वाले, सेवा लाभ, कर्मचारी के पक्ष में, विधिक/कानूनी अधिकार उत्पन्न करते हैं, उक्त उद्भूत विधिक अधिकार से कर्मचारी को वंचित नहीं किया जा सकता है, ना ही, निषेध किया जा सकता है। अतः, कर्मचारी को जुलाई में मिलने वाले, इंक्रीमेंट से वंचित नही किया जा सकता है। जब तक किसी दूसरे कारण से वेतन वृद्धि को नही रोका गया हो।
2- ऐसा कोई नियम नहीं है, जो, पूर्व में की गई सेवा लाभ या वेतन वृद्धि प्राप्त करने के लिए, यह शर्त अधिरोपित करता हो, कि कर्मचारी को एक जुलाई को सेवा में निरंतर रहना पड़ेगा
3- वेतन में, वेतन वृद्धि प्रदान किया जाना, सेवा की एक शर्त है। वेतन वृद्धि, कलंक रहित सेवा के लिए, एक पारितोषिक है, जो कि एक अधिकार के रूप में परिवर्तित हो जाता है। वेतन वृद्धि प्रदान करने की कालावधि एक वर्ष है। कलंक रहित सेवा पूरे वर्ष देने के पश्चात , शासकीय कर्मचारी, वेतन वृद्धि का पात्र हो जाता है।
4- एक जुलाई को कर्मचारी, सेवा में नही था, इस प्रकार के अति तकनीकी कारणों को स्वीकार नही किया जा सकता है। एक वर्ष की सेवा के बाद, कर्मचारी को वेतन वृद्धि मिलनी चाहिए, जब तक कि , वह वेतन वृद्धि किन्ही अन्य कारणों से नही रोकी गई हो।
उपरोक्त कारणों के आधार पर, 30 जून को रिटायर होने वाले कर्मचारियों को कोर्ट ने, जुलाई में देय वेतन वृद्धियों का पात्र माना है।
लेखक श्री अमित चतुर्वेदी मध्यप्रदेश हाईकोर्ट, जबलपुर में एडवोकेट हैं। (Notice: this is the copyright protected post. do not try to copy of this article)
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