ग्वालियर। सात साल पुराने डकैती के मामले में फरार बदमाश को हजीरा थाना पुलिस ने पड़ाव पुल के नीचे से पकड़ा है। पुलिस से बचने के लिए आरोपी ने खुद को बाबा बना लिया और पड़ाव पुल के नीचे ठिकाना बना लिया था। पुलिस ने उसे हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू कर दी है।
हजीरा थाना प्रभारी आलोक परिहार ने बताया कि देवेन्द्र दर्जी उर्फ देवेन्द्र चौहान पुत्र श्याम सिंह चौहान जिनवासी जति की लाइन की हजीरा थाना पुलिस पिछले सात साल से तलाश कर रही थी और वह डकैती के मामले में फरार था। पुलिस को आज सूचना मिली कि आरोपी पड़ाव पुल के नीचे बैठा हुआ है। इसका पता चलते ही प्रधान आरक्षक शैलेन्द्र सिंह को आरोपी को पकडऩे के निर्देश दिए। शैलेन्द्र सिंह ने कंट्रोल रूम में पदस्थ आरक्षक ब्रजेश कुमार की मदद से देवेन्द्र को दबोच लिया।
मथुरा में बन गया था बाबा
आरोपी ने पुलिस पूछताछ में बताया कि जमानत पर छूटने के बाद वह फरार हो गया था और मथुरा में बाबा बन गया था। इससे पहले वह चोरी तथा जेब काटता था। बाबा बनकर उसने मथुरा में अपना ठिकाना बना लिया था और फिर लौटकर नहीं आया। अभी जब लॉकडाउन हुआ और मंदिर बंद हो गए और लोगों ने आना जाना बंद कर दिया तो वह वापस आया और घर जाने के स्थान पर पड़ाव पुल के नीचे ही रहने लगा था।
10 जुलाई को सबसे ज्यादा पढ़े जा रहे समाचार
भोपाल का एक इलाका 12 से 19 जुलाई तक लॉकडाउनइंदौर में 17 साल छोटे बॉयफ्रेंड ने 45 साल की ब्यूटी पार्लर संचालिका की हत्या की
संदेशवाहक कबूतर प्राप्तकर्ता का पता कैसे खोज लेते थे, पढ़िए मजेदार रहस्य की बात
शिवराज सिंह फेल: बाबूलाल गौर को हटाना और कमलनाथ सरकार गिराना, में अंतर समझना चाहिए था
भोपाल में होटल, कार्यालय, दुकान व धर्मस्थल को बंद किया जाएगा: कलेक्टर
साबुन कई कलर्स में आते हैं लेकिन उनका झाग हमेशा सफेद क्यों होता है
भोपाल में माँ ने BF से चैटिंग करने मना किया तो इंपीरियल हारमनी की छठवीं मंजिल से कूदी छात्रा, मौत
भाषणबाजी में माहिर शिवराज सिंह, गुटबाजी में फंसकर रह गए
विकास दुबे ने गन पॉइंट पर रिचा से लव मैरिज की थी
यदि कोई मर्जी के बिना नशीली या जहरीली चीज खिला दे तो क्या उसके खिलाफ भी FIR हो सकती है, पढ़िए
मध्यप्रदेश में सरकारी यूनिवर्सिटी की परीक्षाओं की तारीख तय, राजनीति फुलस्टॉप
मध्य प्रदेश कोरोना: 38 जिलों में 10 से ज्यादा एक्टिव केस, 4 जिले खतरे में
मंत्री तुलसी सिलावट के खिलाफ राज्य महिला आयोग में शिकायत
कैलाश विजयवर्गीय: कार्यकर्ताओं को मोटिवेट करने आए थे, दर्द बयां करके चले गए