नई दिल्ली। उच्च शिक्षण संस्थानों में अस्थाई और संविदा के तौर पर कार्यरत शिक्षकों, शोधार्थियों और गैर-शैक्षणिक कर्मचारियों को मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने एक बड़ी राहत दी है। जिसके तहत ऐसे सभी शिक्षक और कर्मचारी जिनके करार 31 जुलाई तक वैध हैं, वे सभी लॉकडाउन के दौरान भी ऑन ड्यूटी माने जाएंगे। साथ ही संस्थानों से उन्हें समय पर वेतन देने के लिए भी कहा गया है। फिलहाल इस तरह के सबसे ज्यादा मामले इंजीनियरिंग कालेजों से आ रहे है। इसे लेकर पहले एआइसीटीई भी दखल दे चुका है।
अनलाक-2 के बाद मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने यूजीसी, एनटीए सहित राज्यों को दिए निर्देश
मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने यूजीसी, एनटीए, एआइसीटीई सहित सभी शैक्षणिक स्वायत्त संस्थानों और राज्यों को इस संबंध में एक पत्र भी लिखा है। जिसमें शैक्षणिक संस्थानों में इसका अनुपालन सुनिश्चित कराने के भी निर्देश दिए हैं।
मंत्रालय ने कहा है कि अनलॉक-2 की घोषणा के बाद शैक्षणिक संस्थानों और कालेजों को अब 31 जुलाई तक बंद रखा गया है। ऐसे में यह सुनिश्चित किया जाए कि शैक्षणिक संस्थानों में अस्थाई या संविदा के तौर पर पढ़ाने या नौकरी करने वाले ऐसे कर्मचारी जिनके करार 31 जुलाई तक वैध हैं, उन सभी को आन ड्यूटी माना जाए। साथ ही उनके वेतन भी समय से मिलें। इसके साथ ही जब तक संस्थान नहीं खुलते हैं तब तक आनलाइन पढ़ाई से जुड़ी गतिविधियों को जारी रखा जाए। वहीं अनलॉक के तहत संस्थानों में पढ़ाने वाले शिक्षकों, शोधार्थियों और गैर-शैक्षणिक कर्मचारियों को 31 जुलाई तक घर से ही काम करने की अनुमति दी जाए।
संस्थान वेतन देने में कर रहे आनाकानी
बता दें कि मंत्रालय ने यह कदम उस समय उठाया है, जब उच्च शिक्षण संस्थानों में अस्थाई और संविदा रूप से काम कर रहे शिक्षकों और कर्मचारियों को अनुबंध के बाद भी संस्थानों के बंद रहने का हवाला देते हुए उन्हें अनुपस्थित बताया जा रहा है और वेतन देने में आनाकानी की जा रही है। कई संस्थानों द्वारा उनके पहले ही अनुबंध खत्म किए जाने की शिकायत मिल रही थी। इसके साथ ही मंत्रालय ने संस्थानों से शिक्षकों, कर्मचारियों और छात्रों के लिए आरोग्य सेतु एप को सुनिश्चित कराने के भी निर्देश दिए है।