अतिथि शिक्षकों को पहली कैबिनेट बैठक में ही नियमित कर देंगे: कमलनाथ, हम समिति बना चुके हैं: उच्च शिक्षामंत्री / EMPLOYEE NEWS

Bhopal Samachar
भोपाल। कांग्रेस पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष एवं उपचुनाव में कांग्रेस का चेहरा श्री कमलनाथ एक बार फिर चुनावी वादे करने लगे हैं। अतिथि शिक्षकों के एक प्रतिनिधिमंडल को बुलाकर कमलनाथ ने वादा किया है कि यदि उप चुनाव के बाद कांग्रेस की सरकार बनी तो पहली ही कैबिनेट मीटिंग में अतिथि शिक्षकों को नियमित कर देंगे। 

2018 के विधानसभा चुनाव में भी यही वचन दिया था 



2018 में हुए मध्य प्रदेश के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी की ओर से यही वचन दिया गया था। कांग्रेस के तत्कालीन नेता राहुल गांधी एवं कमलनाथ दोनों ने एक मीटिंग का आयोजन किया और बताया कि कांग्रेस पार्टी संविदा और अतिथि की प्रथा पर विश्वास नहीं करती।

3 महीने से ज्यादा प्रदर्शन किया, कोई मिलने तक नहीं आया 

मध्यप्रदेश में कमलनाथ सरकार बनने के बाद सबसे ज्यादा प्रसन्नता अतिथि शिक्षक, अतिथि विद्वान एवं संविदा कर्मचारियों को ही हुई थी। उन्होंने खुलेआम जश्न मनाया। शुरुआत के 3 महीने इंतजार किया और फिर मेल मुलाकात का सिलसिला शुरू हुआ। कमलनाथ और कर्मचारियों के बीच सेतु का काम करने वाले विधायक जीतू पटवारी को मंत्री बनाया गया। अतिथि एवं संविदा ने शुरुआत के 6 महीने में जीतू पटवारी को 500 से ज्यादा गुलदस्ते भेंट करके वचन याद दिलाया परंतु वह हमेशा मामले को टालते रहे। राजधानी में 3 महीने से ज्यादा प्रदर्शन हुआ। महिलाओं ने मुंडन कराया लेकिन कांग्रेस की तरफ से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई। उल्टा दो बातें स्पष्ट कर दी गई।
नंबर- एक: वचन पत्र में नियमितीकरण का वादा नहीं किया था बल्कि नियमितीकरण की नीति बनाने का वादा किया था। 
नंबर-दो: वचन पत्र 5 साल के लिए होता है। 

कमलनाथ के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने तक अतिथि विद्वान धरना प्रदर्शन कर रहे थे। उनकी अंतिम मांग थी कि फालेन आउट अतिथि विद्वानों को सेवा में बनाए रखने की घोषणा जो उन्होंने सार्वजनिक रूप से की है, उसका लिखित आदेश जारी कर दें। कमलनाथ ने इस्तीफे पर हस्ताक्षर किए परंतु जीतू पटवारी ने सर्कुलर पर हस्ताक्षर नहीं किए।

सीएम शिवराज सिंह की अध्यक्षता में समिति बनाई जा चुकी है: उच्च शिक्षामंत्री 


ग्वालियर में केंद्रीय मंत्री श्री नरेंद्र सिंह तोमर के घर शोक व्यक्त करने आए उच्च शिक्षा मंत्री श्री मोहन यादव ने कहा कि अतिथि शिक्षकों एवं विद्वानों को नियमित करने के लिए मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में एक समिति का गठन किया जा चुका है। जल्द ही इस समिति की सिफारिशें और उनके परिणाम सामने होंगे।

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