भोपाल। मप्र सरकार द्वारा कर्मचारियों की समस्याओं के लिये गठित मप्र कर्मचारी आयोग के द्वारा लॉकडाउन के बाद आज पहली बार कर्मचारी संगठनों की सुनवाई की गई जिसमें संविदा कर्मचारियों की मांगों को लेकर मप्र संविदा कर्मचारी अधिकारी महासंघ को आमंत्रित किया गया।
मप्र संविदा कर्मचारी अधिकारी महासंघ की और से महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष रमेश राठौर के द्वारा मप्र के विभिन्न विभागों, उनकी योजनाओं, स्वशासी संस्थाना, निगम मंडलों, बोर्डो, सहकारी संस्थओं में संविदा पर काम करने वाले संविदा कर्मचारियों का पक्ष रखते हुये आयोग अध्यक्ष सोनगरिया एवं सदस्यों वीरेन्द्र खोंगल को अवगत कराया कि मप्र के विभिन्न विभागों, उनकी योजनाओं, परियोजनाओं, निगम मंडलों, बोर्डो, स्वशासी संस्थाना, सहकारी बैंकों में कार्य करने वाले संविदा कर्मचारी और अधिकारी विधिवत् चयन प्रक्रिया के माध्यम् से भर्ती किये गये हैं लेकिन मप्र सरकार ने बैक डोर से भर्ती होने वाले कर्मचारी जैसे पंचायत कर्मी, गुरूजी, दैनिक वेतन भोगी, जनअभियान परिषद के संविदा कर्मचारी, मंत्री पदस्थापना में काम करने वाले चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी आदि सबको नियमित कर नियमित वेतनमान दे दिया तथा दैनिक वेतन भोगियों को स्थाई कर्मी बना दिया, वहीं विधिवत् चयन प्रक्रिया के माध्यम् से भर्ती हुये संविदा कर्मचारी जो कि विभिन्न विभागों एवं उनकी केन्द्र प्रवर्तित योजनाओं में काम कर रहे हैं ऐसे संविदा कर्मचारियों को नियमित नहीं किया जा रहा है।
महासंघ ने कर्मचारी आयोग के अध्यक्ष सोनगरिया जी तथा सदस्य वीरेन्द्र खोंगल जी के समक्ष संविदा कर्मचारियों का पक्ष रखा कि संविदा कर्मचारी जो विभिन्न विभागों और उनकी परियोजनाओं में काम कर रहे हैं उनको यदि विभागों में रिक्त पड़े पदों पर संविलयन कर दिया जाता है तो तो किसी भी प्रकार का वित्त्तीय भार नहीं आयेगा क्योंकि उन पदों के लिये बजट मप्र सरकार के बजट में शामिल होता है, जो कर्मचारी केन्द्र प्रवर्तित योजनाओं में काम कर रहे हैं उनको उनके ही विभागों के रिक्त पड़े पदों पर संविलयन कर दिया जाए और उनको प्रति नियुक्ति पर ले लिया जाए जिस प्रकार गुरूजियों को नियमित कर सर्वशिक्षा अभियान के मद से उनका वेतन भुगतान किया जा रहा है।
महासंघ के अध्यक्ष रमेश राठौर ने आयोग को यह भी अवगत कराया कि संविदा पर कार्यरत हजारों कर्मचारी अधिकारी की मृत्यु हो चुकी है, अनेक कर्मचारियों को अब चिकित्सा सुविधा की आवश्यकता है लेकिन संविदा कर्मचारियों को किसी भी प्रकार की चिकित्सा सुविधा, मकान किराये की सुविधा, अनुकम्पा नियुक्ति का प्रावधान नहीं किया गया है। महासंघ ने कहा कि संविदा कर्मचारी जो आज लगा है उसको भी उतना ही वेतन मिलता है जो संविदा कर्मचारी बीस साल से काम कर रहा है। उसको भी उतना ही वेतन मिलता है। आयोग ने सुनवाई कर ली है, अब उस पर अपना अभिमत देगा।
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