अक्सर शासकीय कार्यालयों में देखा जाता हैं कि वहाँ के अधिकारियों या कर्मचारियों को कुछ नेता टाइप के लोग बेवजह व्यक्ति परेशान करते हैं। विवाद की स्थिति निर्मित करते हैं या फिर किसी अन्य तरीके से कार्यालय के काम को बाधित करते हैं। कभी कभी कुछ लोग हिंसा भी करते हैं। वह नेता हो या अपराधी, शासकीय अधिकारी/कर्मचारी को उसके कर्तव्य पालन से रोकना आईपीसी के तहत गंभीर दंडनीय अपराध है।
भारतीय दण्ड संहिता, 1860 की धारा 186 की परिभाषा:-
ऐसा सरकारी अधिकारी जो आपने कार्य को विधि के नियमों के अंतर्गत एवं वैध तरीके से जो सार्वजनिक कार्य या जनता के हित के कर रहा है। तब ऐसे शासकीय अधिकारी या कर्मचारी के कार्य में जो भी व्यक्ति बाधा या हिंसा उत्पन्न करेगा, वह व्यक्ति इस धारा के अंतर्गत दोषी पाया जाएगा।
भारतीय दण्ड संहिता,1860 की धारा 186 के अंतर्गत दण्ड का प्रावधान:-
इस धारा के अपराध किसी भी प्रकार से समझौता योग्य नहीं होते है। इस धारा के अपराध असंज्ञेय एवं जमानतीय अपराध होते हैं। इनकी सुनवाई कोई भी मजिस्ट्रेट कर सकते हैं। सजा -: तीन माह की कारावास या 500 रु जुर्माना या दोनो से दण्डित किया जा सकता है।
【नोट:- राज्य संशोधन के अनुसार मध्यप्रदेश एवं छत्तीसगढ़ में धारा 186 के अपराध संज्ञेय अपराध है। देखे अधिसूचना क्रमांक 33205-एफ. क्र.6-59-74-बी xxi दिनांक 19/11/1975। या मध्यप्रदेश राजपत्र भाग 1, दिनांक 12-03-1976 पृष्ठ क्रमांक 473 ।】
बी. आर. अहिरवार (पत्रकार एवं लॉ छात्र होशंगाबाद) 9827737665 | (Notice: this is the copyright protected post. do not try to copy of this article)
कानूनी जानकारी से संबंधित 10 सबसे लोकप्रिय लेख
कोर्ट में गीता पर हाथ रखकर कसम क्यों खिलाते थे, रामायण पर क्यों नहीं है
सरकारी अधिकारी निर्दोष नागरिक को जबरन रोककर रखे तो IPC की किस धारा के तहत मामला दर्ज होगा
अधिकारी, कोर्ट में गलत जानकारी पेश कर दे तो विभागीय कार्रवाई होगी या FIR दर्ज होगी
क्या जमानत की शर्तों का उल्लंघन अपराध है, नई FIR दर्ज हो सकती है
एक व्यक्ति अपराध करे और दूसरा सिर्फ साथ रहे तो दूसरा अपराधी माना जाएगा या नहीं
रात के समय किसी के घर में चोरी छुपे घुसना किस धारा के तहत अपराध है
यदि कोई मर्जी के बिना घर में घुस आए तो क्या FIR दर्ज करवाई जा सकती है
धूम्रपान करने वालों के खिलाफ IPC की किस धारा के तहत FIR दर्ज होगी
आम रास्ते में रुकावट पैदा करने वाले के खिलाफ किस धारा के तहत FIR दर्ज होती है
गर्भपात के दौरान यदि महिला की मृत्यु हो गई तो जेल कौन जाएगा डॉक्टर या पति
यदि जबरदस्ती नशे की हालत में अपराध हो जाए तो क्या सजा से माफी मिलेगी
सरकारी अधिकारी निर्दोष नागरिक को जबरन रोककर रखे तो IPC की किस धारा के तहत मामला दर्ज होगा
अधिकारी, कोर्ट में गलत जानकारी पेश कर दे तो विभागीय कार्रवाई होगी या FIR दर्ज होगी
क्या जमानत की शर्तों का उल्लंघन अपराध है, नई FIR दर्ज हो सकती है
एक व्यक्ति अपराध करे और दूसरा सिर्फ साथ रहे तो दूसरा अपराधी माना जाएगा या नहीं
रात के समय किसी के घर में चोरी छुपे घुसना किस धारा के तहत अपराध है
यदि कोई मर्जी के बिना घर में घुस आए तो क्या FIR दर्ज करवाई जा सकती है
धूम्रपान करने वालों के खिलाफ IPC की किस धारा के तहत FIR दर्ज होगी
आम रास्ते में रुकावट पैदा करने वाले के खिलाफ किस धारा के तहत FIR दर्ज होती है
गर्भपात के दौरान यदि महिला की मृत्यु हो गई तो जेल कौन जाएगा डॉक्टर या पति
यदि जबरदस्ती नशे की हालत में अपराध हो जाए तो क्या सजा से माफी मिलेगी