इंदौर। मांगलिया चौकी प्रभारी विश्वजीत सिंह तोमर को कार्रवाई न करने के चलते डीआईजी ने लाइन अटैच कर दिया है। मारपीट के विवाद का पूरा वीडियो डीआईजी के संज्ञान के आने के बाद यह कार्रवाई की गई है। विवाद पुलिस चौकी के बाहर ही हुआ है। इसलिए तकरीबन आधा दर्जन लोगों को हिरासत में लिया गया है। मामला दर्ज कर बाकियों की गिरफ्तारी के लिए छापेमारी शुरू की गई है। वहीं इस मामले में राजनीति भी शुरू हो गई है। कांग्रेस ने शिवराज सरकार पर हमला बोला है। पूर्व सांसद और कांग्रेस नेता प्रेम चंद गुडू पुलिस की कार्रवाई को पक्षपातपूर्ण बताया है। साथ ही आरोपियों पर जल्द कार्रवाई न होने पर विरोध प्रदर्शन की चेतावनी दी है। प्रेमचंद गुड्डू ने कहा कि ये गुंडागर्दी ज्यादा दिन नहीं चलेगी।
यह है पूरा मामला
दरअसल, मांगलिया के पास टोड़ी गांव में 20 साल से चले आ रहे एक जमीन के केस में बुधवार को अचानक दो पक्ष भिड़ गए थे। पहले खेत पर एक पक्ष ने दूसरे पक्ष को जमकर पीटा फिर दोनों पक्ष शिकायत करने चौकी पहुंचे। वहां भी हमला हो गया। आधा घंटे तक चौकी में घुसकर और बाहर मारपीट होती रही। पुलिसकर्मी भी बचाने में लगे, लेकिन भीड़ ज्यादा होने से दो सिपाही भी जख्मी हो गए। इसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ तो डीआईजी ने चौकी प्रभारी को लाइन हाजिर कर दिया। बताया जाता है कि दोनों ही पक्ष भाजपा से जुड़े हुए हैं। वहीं बीच बचाव करने आए मंत्री समर्थक सरपंच पर भी हमले का आरोप है।
मांगलिया चौकी पुलिस के मुताबिक विवाद टोड़ी गांव में रहने वाले किसान उमराव सिंह और नंदा नगर में रहने वाले संजय जोशी के बीच हुआ था। पुलिस ने दोनों ही पक्षों की तरफ से केस दर्ज किया है। उमराव सिंह के घरवालों ने शिकायत में बताया कि गांव में 18 बीघा जमीन पर उनका और संजय जोशी के बीच 20 साल से विवाद चल रहा है। संजय जोशी के पिता ने यह जमीन उमराव को 5.60 लाख रुपए में बेची थी। कुछ लेनदेन बाकी था, इसलिए जमीन नाम नहीं हो पाई थी। बुधवार को जोशी अपने कुछ लोगों के साथ खेत पर आया था।जिसका विरोध उमराव सिंह ने किया था। इस पर जोशी और उनके साथ आए लोगों ने उमराव के परिवार के साथ मारपीट करने लगे। उनसे बचकर उमराव का परिवार चौकी पर रिपोर्ट दर्ज करवाने पहंचा। संजय जोशी की मदद करने के लिए टोडी गांव का सरपंच दिलीप सिंह, अमन जायसवाल भी आ गया और चौकी के सामने ही उन पर हमला कर दिया। दिलीप पर आरोप है कि वह खनन माफिया है और उसी ने जोशी को भेजा था।
वहीं पुलिस ने बताया कि संजय जोशी के परिजनों भी उमराव सिंह के खिलाफ मामला दर्ज कराया है। जोशी पक्ष ने शिकायत दी कि उमराव का परिवार 20 साल पहले पूरा रुपया ही दे पाया इसलिए उसका बयाना डूब गया था, लेकिन फिर भी वे इस पर अपना कब्जा जताना चाहते थे। अभी मामला कोर्ट में है. जमीन के कागज और कब्जा संजय के पास ही है। इसलिए वह हरबार की तरह बुधवार को भी बौनी करने आया था। तभी उमराव के परिवार ने विरोध किया और संजय के साथ आए परिवार के लोगों को जमकर पीटा।
शिकायत पर पुलिस मौके पर पहुंची और घायल जोशी की तरफ से आए रूपसिंह व एक अन्य को देवास भेज दिया। इसके बाद जोशी का पक्ष चौकी पर रिपोर्ट दर्ज करवाने आया। उनके पीछे उमराव सिंह का परिवार भी आ गया। उन्होंने चौकी में घुसकर हमला कर दिया। एक-दूसरे को जमकर पीटा। यहां भी उमराव का परिवार हमले में भारी पकड़ा। दोनों पक्षों के हमले में बीच-बचाव करने गए दो सिपाही भी घायल हो गए हैं। दोषियों को पकड़ने के लिए पुलिस छापामार कार्रवाई कर रही है।