नई दिल्ली। Jio एक ऐसी कंपनी है जिसने हर मौके का फायदा उठाया। नोटबंदी के दौरान रिलायंस जिओ टेलीकम्युनिकेशन की दुनिया का बेताज बादशाह बन बैठी थी लेकिन लॉकडाउन के दौरान रिलायंस जियो कुछ खास नहीं कर पाई। नोटबंदी की जीत में मगरूर रिलायंस जिओ का मैनेजमेंट समझ ही नहीं पाया कि लॉकडाउन में पब्लिक का मूड क्या होगा।
जब निष्कर्ष सामने आया कि लोग वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग कर रहे हैं और इसके लिए Zoom app का सबसे ज्यादा उपयोग किया गया तो रिलायंस जियो ने फटाफट JioMeet कॉन्फ्रेंसिंग सॉफ्टवेयर लॉन्च कर दिया परंतु तब तक बहुत देर हो चुकी थी। अब रिलायंस जियो ने हुबहू व्हाट्सएप जैसा मोबाइल ऐप JioChat लॉन्च कर दिया है परंतु बाजार में इन दिनों व्हाट्सएप के विकल्प के रूप में Telegram को पसंद किया जा रहा है।
फेसबुक ने हाल ही में रिलायंस जिओ में इन्वेस्ट किया है
बता दें कि जियो चैट कंपनी का काफी पुराना ऐप है। प्ले स्टोर पर इस ऐप को अब तक 5 करोड़ डाउनलोड्स मिल चुके हैं। कंपनी ने हाल ही में इसके लुक में बदलाव किया, जिसके बाद वॉट्सऐप और जियोचैट में अंतर कर पाना मुश्किल हो रहा है। रोचक बात यह है कि वॉट्सऐप के स्वामित्व वाली कंपनी फेसबुक ने कुछ समय पहले ही जियो में बड़ी हिस्सेदारी खरीदी है।
क्या है समानताएं
दोनों ऐप्स को एक झलक में देखने पर कोई भी धोखा खा सकता है। इन दोनों की कलर स्कीम से लेकर, प्रॉडक्ट नेम की प्लेसमेंट, सर्च व कैमरा आइकॉन, और Chat व Status टैब तक सब कुछ एक जैसा है। हालांकि जियोचैट में Status के विकल्प को Stories का नाम दे दिया गया है। थोड़ा सा अंतर करने के लिए जियो चैट में Channels नाम का एक अतिरिक्त फीचर भी दिया गया है और Calls टैब की जगह कॉल्स का आइकॉन दिया गया है।
जियो क्यों कर रही ऐसा
दोनों ऐप्स के एक जैसा होने पर ट्विटर पर काफी चर्चा की जा रही है। कुछ लोगों का कहना है कि रिलायंस जियो ने ऐसा इसलिए किया है ताकि यूजर्स को एक प्लेटफॉर्म से जियो प्लेटफॉर्म पर शिफ्ट होने में असुविधा ना हो। वहीं, कुछ लोगों का कहना है कि यह कंपनी की मार्केटिंग स्ट्रैटजी है, ताकि यूजर्स की नजर में आ सके।
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