भोपाल। अतिथि विद्वान संघ द्वारा प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार अपने 100 दिन पूरे कर चुकी शिवराज सरकार ने भी कोई फैसला अब तक नहीं लिया। गौरतलब है कि दिसंबर 2019 से विवादित लोक सेवा आयोग से चयनित सहायक प्राध्यापकों की पदस्थापना के कारण लगभग 2500 अतिथि विद्वान सेवा से बाहर हो गए। लगातार 4 महीने से अधिक समय तक अतिथि विद्वान आंदोलनरत रहे। विपक्ष में रहते हुए शिवराज सिंह आदि कई दिग्गज नेताओं ने अतिथि विद्वानों के समर्थन में खुलकर बयानबाजी की यहां तक की सिंधिया जी ने अतिथि विद्वानों के मुद्दे पर ही अपनी ही सरकार से बगावत की और सड़क पर उतर गए।
कमलनाथ सरकार चली गई शिवराज सरकार सत्ता पर काबिज है किंतु सत्ता में आते ही जाने क्या हो जाता है की अतिथि विद्वानों की पीड़ा दिखाई देनी बंद हो जाती है। अतिथि विद्वानों को नियमितीकरण का वचन देकर कमलनाथ सरकार बनी थी। उन्होंने भी सत्ता में आने के बाद अतिथि विद्वानों से मुंह फेर लिया और वर्तमान में शिवराज सरकार भी अतिथि विद्वानों के संबंध में संवेदनशील नहीं दिखाई दे रही है। आखिर फॉलेन आउट अतिथि विद्वानों की पीड़ा का अंत कब होगा? कब उनकी सेवा में वापसी होगी? यह यक्ष प्रश्न बना हुआ है।
जान दे रहे फॉलेन आउट अतिथि विद्वानों के प्रति सरकारी संवेदनहीनता बरक़रार
वर्तमान में कार्यरत अतिथि विद्वानों के अगले सत्र में आमंत्रण के संबंध में तो शासनादेश 30 जून को जारी हो गया इसके लिए सरकार की संवेदनशीलता के लिए आभार, लेकिन फॉलेन आउट अतिथि विद्वानों के संबंध में शासन प्रशासन अभी भी संवेदनहीन बना हुआ है फालेन आउट अतिथि विद्वान आर्थिक तंगी और अवसाद में आए दिन आत्महत्या जैसे कदम उठा रहे हैं लेकिन शासन ने अभी तक 6 महीने से बेरोजगार होकर दर-दर की ठोकरें खा रहे हैं फॉलेन आउट अतिथि विद्वानों के संबंध में कोई निर्णय नहीं लिया।
डॉ देवराज सिंह, अध्यक्ष,अतिथि विद्वान संघ
जिस मुद्दे पर वर्तमान शिवराज सरकार सत्ता पर काबिज है और अपने 100 दिन पूरे कर चुकी है। कई बड़े फैसले लिए लेकिन आज भी उस अहम फैसले की ओर ध्यान नहीं जा रहा है जो हजारों जिंदगियों से जुड़ा हुआ है और जिस मुद्दे पर सिंधिया सड़क पर उतरे ,कमलनाथ सरकार गई और शिवराज सरकार अपनी चौथी पारी के लिए सत्ता में आ गई ।सरकार तत्काल फालन आउट अतिथि विद्वानों को सेवा में वापस लेने का आदेश जारी कर उच्च शिक्षित विद्वानों की जान बचाये।
आशीष पांडे, मीडिया प्रभारी,अतिथि विद्वान संघ