भोपाल। मध्यप्रदेश में सरकारी यूनिवर्सिटी से संबद्ध प्राइवेट और सरकारी कॉलेजों में परीक्षाओं के लिए लास्ट डेट फाइनल कर दी गई है। उच्च शिक्षा विभाग ने सभी कुलपतियों को टाइम टेबल बनाने के आदेश दिए हैं। अनुमान है कि अगस्त में टाइम टेबल की घोषणा होगी और सितंबर में परीक्षाओं का आयोजन किया जाएगा। इससे पहले मध्यप्रदेश में कॉलेज परीक्षाओं को लेकर काफी राजनीति हुई। कुछ स्टूडेंट्स ने कोरोनावायरस के नाम पर जनरल प्रमोशन की मांग की, उपचुनाव में वोट और छात्रों के एक बड़े दल के बीच लोकप्रियता के लालच में आकर कुछ नेताओं ने इस मांग का समर्थन किया। चुनावी दबाव में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने राज्यपाल के फैसले को पलटते हुए जनरल प्रमोशन की घोषणा कर दी लेकिन UGC- विश्वविद्यालय अनुदान आयोग किसी भी प्रकार की राजनीति से प्रभावित नहीं हुआ और उसने परीक्षाएं कराने का आदेश जारी कर दिया।
मध्यप्रदेश में कॉलेज परीक्षाओं को लेकर राजनीति क्यों हुई
पहले राज्यपाल महोदय ने निर्णय लिया था कि किसी भी कक्षा में जनरल प्रमोशन नहीं दिया जाएगा। एक कक्षा से अगली कक्षा में जाने के लिए परीक्षा देना अनिवार्य होगा। सोशल मीडिया पर जब छात्रों ने परीक्षा का विरोध किया और कांग्रेस पार्टी के कुछ नेताओं ने इस मामले में राजनीति शुरू कर दी तो उपचुनाव में नुकसान ना हो इसलिए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने जनरल प्रमोशन की घोषणा कर दी। मामले की गंभीरता समझने वाले लोगों ने जब जनरल प्रमोशन का विरोध किया तो यह जोड़ा गया कि परीक्षाओं का आयोजन किया जाएगा परंतु छात्रों के पास दोनों विकल्प होंगे। वे चाहे तो जनरल प्रमोशन ले सकते हैं या फिर परीक्षा दे सकते हैं लेकिन अब आयोग के कारण सरकार ने एक बार फिर अपना फैसला पलटते हुए परीक्षा कराने का निर्णय लिया है।
कुलपतियों को टाइम टेबल बनाने के आदेश
आयोग की नई गाइडलाइन का पूरी तरह पालन किया जाएगा। गाइडलाइन के अनुसार सितंबर में परीक्षाएं आयोजित कराई जाएंगी। इस मामले में कुलपतियों को परीक्षा कराने की तैयारी करने के आदेश देने के साथ ही टाइम टेबल तैयार करने के आदेश दिए गए हैं। इसके बाद सरकार और राजभवन से टाइम टेबल का अनुमोदन कराकर परीक्षाएं आयोजित कराई जाएंगी।- अनुपम राजन, प्रमुख सचिव उच्च शिक्षा विभाग
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