भोपाल। 10 जुलाई को भोपाल में भारत सरकार मानव संसाधन विकास मंत्रालय नई दिल्ली के अंतर्गत शिक्षकों के कल्याणार्थ योजनाओं के संचालन हेतु शिक्षक कल्याण प्रतिष्ठान इकाई मध्यप्रदेश की नियमावली में पुनरीक्षित किया जाकर अध्यापक संवर्ग की सदस्यता अंशदान एवं उसके लाभ हेतु गंभीर बीमारी, प्राकृतिक आपदा, दुर्घटना में अंगक्षति के उपचार, आकस्मिक मृत्यु होने पर आर्थिक सहायता, शिक्षक सदन का निर्माण इत्यादि बिंदुओं पर सुझाव हेतु मीटिंग कमिश्नर लोकशिक्षण संचालनालय में सम्पन्न हुई।
शिक्षक कल्याण योजना एक प्रकार की बीमा योजना होगी
ज्ञात होवे कि कम वेतन के कारण अनेक शिक्षक गंभीर रूप से बीमार होने पर इलाज के अभाव में असमय मृत्यु को प्राप्त हो गए। जिसके कारण शिक्षक समुदाय को राशि एकत्र कर उनके परिवारों को आर्थिक मदद दी गई। ऐसे में शिक्षा विभाग द्वारा शिक्षक कल्याण योजना के रूप में एक अच्छी शुरुआत की जा रही है, जिसमें शिक्षकों के अंशदान से ही सभी शिक्षक के परिवार को मृत्यु होने या गंभीर रूप से बीमार होने पर आर्थिक मदद मिल सकेगी।
शिक्षक कल्याण योजना में वेतन से अशंदान की कटौती का प्रस्ताव
बैठक में शामिल होने हेतु ट्रायबल वेलफेयर टीचर एसोसिएशन के प्रांताध्यक्ष डी के सिंगौर ने एसोसिएशन की ओर से शिक्षक हीरानन्द नरवरिया को प्रतिनिधि नियुक्त किया। हीरानंद नरवरिया ने एसोसिएशन की ओर से सुझाव रखते हुए कहा कि नवीन शिक्षण संवर्ग में लगभग तीन लाख से अधिक शिक्षक हैं, जिन्होंने लंबे समय तक आवेदन में काम किया है और के कारण उन्हें सम्मानजनक पेंशन भी नहीं मिलना है। अतः शिक्षक कल्याण योजना में नवीन शिक्षक संवर्ग के शिक्षकों का विशेष ध्यान रखा जाए। योजना में सभी शिक्षकों को शामिल करते हुए वेतन से ही अंशदान की कटौती का प्रावधान रखा जाए।
शिक्षक कल्याण योजना के तहत लोन का प्रस्ताव
योजना में शामिल शिक्षकों के मृत होने पर कम से कम तीन से चार लाख तथा परिवार में किसी के गंभीर रूप से बीमार होने पर एक से दो लाख रुपए की सहायता राशि दी जाए। अंशदान से तैयार फंड से बच्चों की उच्च शिक्षा, विवाह, मकान निर्माण आदि के लिए निर्धारित राशि लोन के रूप में देने का प्रावधान किया जाए। योजना में क्लेम के लिए ऑनलाइन सुविधा हो तथा पूरी योजना पारदर्शी हो।
शिक्षक कल्याण योजना कुछ महत्वपूर्ण स्थितियों में क्या होगा
यदि पति-पत्नी दोनों शिक्षक हैं, तो जमा किए जाने वाले अंशदान व लाभ के नियम बनाए जाएं। यदि कोई शिक्षक पूरी सेवाकाल में कोई क्लेम नहीं लेता, तो सेवानिवृत्ति के समय उसके अंशदान के अनुसार लाभ देने का प्रावधान किया जाए। समिति गठित करने में पंजीकृत संगठनो के पदाधिकारियों को शामिल करें। वर्ष भर की जमा राशि और क्लेम के आधार पर नीति की समीक्षा कर पुनः क्लेम राशि का निर्धारण करें।
समिति को प्रदेश, संभाग, जिलों में भी गठन करे इस अवसर पर मान्यता प्राप्त और गैर मान्यता प्राप्त प्रमुख संगठनों से एक एक प्रतिनिधि शामिल हुए। ट्राइबल वेलफेयर टीचर्स एसोसिएशन की ओर से इस संबंध में लिखित सुझाव भी दिए गए । साथ ही एसोसिएशन द्वारा शिक्षा विभाग से ट्रायबल विभाग में प्रतिनुयक्त पर आये शिक्षकों को विभाग में मर्ज करने, एंप्लॉयी कोड आदि हेतु अलग से ज्ञापन दिया गया।