भोपाल। जबलपुर हाईकोर्ट का आदेश MCC /938 दिनांक 06/07/2020 को मध्यप्रदेश लोक सेवा आयोग विरूद्ध शिवेंद्र सिंह परिहार अन्य में दिव्यांग सहायक प्रध्यापक के पक्ष में आया है जिसमें मध्यप्रदेश उच्च शिक्षा विभाग तथा मध्यप्रदेश लोक सेवा आयोग को 07/09/2020 तक नियुक्ति देकर हाईकोर्ट को अवगत कराने का आदेश दिया है।
दिव्यांगो ने सीनियर एडवोकेट एस.के.रूगटा जी का आभार माना है और सरकार से जल्दी नियुक्ति की मांग की है।जबकि पूर्व में जबलपुर हाईकोर्ट का WP/19393 दिनांक 29-4-2020 का आदेश दिव्यांगो को पक्ष में आया था सरकार को एक माह मे दिव्यांगो को नियुक्ति कुल केैडर इस्टैन्थ का 6% आरक्षण दिव्यांग अभ्यर्थियों को देना था , मतलब, गजट अधिसूचना संख्या २.२ / १३ / २०११ / २६ / १ दिनांक 21-09-2011 और सहायक प्रध्यापक परीक्षा -2017 विज्ञापन दिनांक 12-4-2018 नवीन श्रृजित पद दोनों के कुल योग पर 6% आरक्षण दिव्यांगो को देना है(आदेश के पृष्ठ 21 पर)। मध्यप्रदेश लोक सेवा आयोग ने MCC /938 मे हाईकोर्ट से दिव्यांगो की नियुक्ति के लिए 5 माह का समय माॅगा था जिसमें हाईकोर्ट ने दिव्यांगो को 07/09/2020 तक नियुक्ति देकर हाईकोर्ट को अवगत कराने का आदेश दिया है।दिव्यांग अभ्यर्थी ऐसे भी है(34 पूर्व चयनित अभ्यर्थी) जिनका मध्यप्रदेश उच्च शिक्षा विभाग द्वारा समस्त दस्तावेजों का भोपाल में वेरीफिकेशन भी कराया जा चुका है।
आज भी दिव्यांगजन मानसिक,सामाजिक और आर्थिक रूप से प्रताड़ित हो रहे है। इसका जिम्मेदार कौन है?अब देखना है शिवराज सरकार दिव्यांगो के प्रति कितनी संवेदनशील है और कितनी जल्दी नियुक्ति देती है । दिव्यांगो को अब शिवराज सरकार से जल्दी नियुक्ति की आस है।
10 विषयों में ही दिव्यांग प्रभावित हुए हैं जिन्होंने हाईकोर्ट में याचिका लगाई है तथा सरकार को लगभग 90 पद दिव्यांगो को वर्तमान मे देने है जबकि अन्य में विषयो में दिव्यांग अभ्यर्थी नहीं हैं।सरकार चाहे तो इन विषयों मे लगभग 90 पद दिव्यांगो को नियुक्ति देकर शेष पद कैरीफोर्वर्ड कर आगामी विज्ञापन मे दे सकती है।जबलपुर हाईकोर्ट का WP/19393 का आदेश के अनुसार कुल केैडर इस्टैंन्थ का 6% आरक्षण दिव्यांग अभ्यर्थियों को देने का आदेश दिया है, 10 विषयों की है जिसमें दिव्यांग प्रभावित हुए हैं हिन्दी में कुल पद 700 दिव्यांग पद 42, कॉमर्स में कुल पद 759 दिव्यांग पद 45, राजनीतिशास्त्र में कुल पद 598 दिव्यांग पद 36 , समाजशास्त्र में कुल पद 467 दिव्यांग पद 27 , जंतु शास्र में कुल पद 483 दिव्यांग पद 29 , भूगोल में कुल पद 247 दिव्यांग पद 15 , इतिहास में कुल पद 400 दिव्यांग पद 24 , भौतिक विज्ञान में कुल पद 591 दिव्यांग पद 36, अर्थशास्त्र में कुल पद 621 दिव्यांग पद 36, वनस्पति विज्ञान में कुल पद 487 दिव्यांग पद 28।
जबलपुर हाईकोर्ट का WP/19393 का आदेश(आदेश के पृष्ठ 21 )के अनुसार कुछ विषय का उदाहरण - हिंदी विषय में 2011 की गजट अधिसूचना में सहायक प्रध्यापक के 586 पद थे और 12-4-2018 के सहायक प्रध्यापक परीक्षा-2017 के विज्ञापन में नवीन सृजित 114 रिक्तियां थीं ,जो कुल योग बनता है 700 पद जिसपर 6% आरक्षण 42 पद दिव्यांग अभ्यर्थियों दिये जाने चाहिए परन्तु 19-8-2019 के संशोधित विज्ञापन मे 15 पद दिये जा चुके है।वर्तमान में सरकार को अस्थिबाधित 7 पद , दृष्टिबाधित 7 पद , श्रवणबाधित 0 (अभ्यर्थी नहीं है) की आवश्यकता पडेगी। यानि कुल 14 पद । कॉमर्स विषय में 759 पद जिसपर 6% आरक्षण 45 पद दिव्यांग अभ्यर्थियों दिये जाने चाहिए परन्तु संशोधित विज्ञापन मे 18 पद दिये जा चुके है।वर्तमान में सरकार को अस्थिबाधित 9 पद , दृष्टिबाधित 4 पद (अभ्यर्थी नहीं है) , श्रवणबाधित 0 (अभ्यर्थी नहीं है) की आवश्यकता पडेगी। यानि कुल 13 पद ।
राजनीतिशास्त्र विषय में 598 पद जिसपर 36 पद दिव्यांग अभ्यर्थियों दिये जाने चाहिए परन्तु संशोधित विज्ञापन मे 15 पद दिये जा चुके है।वर्तमान में सरकार को अस्थिबाधित 4 पद ( अभ्यर्थी नहीं है 3 पद पर ) , दृष्टिबाधित 7 पद , श्रवणबाधित 0 (अभ्यर्थी नहीं है) की आवश्यकता पडेगी।यानि कुल 11 पद । जंतु शास्र विषय में 483 पद जिसपर 29 पद दिव्यांग अभ्यर्थियों दिये जाने चाहिए परन्तु संशोधित विज्ञापन मे 15 पद दिये जा चुके है।वर्तमान में सरकार को अस्थिबाधित 1 पद (अभ्यर्थी नहीं है तथा अन्य श्रेणी मे दिव्यांग नही है)।
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