हिंदू धर्म शास्त्रों के अनुसार जिस महीने में मात्र एक धारा जल अभिषेक करने से मनोकामना पूर्ति का फल प्राप्त होता है, उस पवित्र सावन के महीने का दूसरा सोमवार 13 जुलाई 2020 को है। यह एक विशेष दिन है। ऐसे लोग जो कोई शुभ कार्य करना चाहते हैं, यदि कार्य प्रारंभ करने से पहले शिवलिंग पर गन्ने के रस से अभिषेक करें स्टोन का कार्य ना केवल सफल होगा बल्कि मंगलकारी भी होगा।
सावन के दूसरे सोमवार की पूजाविधि
भगवान भोलेनाथ जल्द प्रसन्न होने वाले देवता हैं। इनकी पूजा बहुत ही आसान होती है। भोलेनाथ एक लोटा जल और एक पत्ती को अर्पित करने मात्र से ही प्रसन्न हो जाते हैं। सावन सोमवार के दिन व्रती सुबह जल्दी उठें। इसके बाद शिव पूजन में प्रयोग की जानी वाली सामग्री को एकत्रकर घर के पास के शिव मंदिर में जाकर पूजा करें। सभी पूजन सामग्री को भगवान शिव और माता पार्वती को अर्पित करने के बाद शिवजी को प्रणाम करें। ध्यान रहे इस दौरान शिवलिंग पर जलाभिषेक करते समय शिव के मंत्रों का लगातार जाप करते रहें।
रुद्राभिषेक
रूद्र का अभिषेक करने से सभी देवों का भी अभिषेक करने का फल उसी क्षण मिल जाता है। रुद्राभिषेक में सृष्टि की समस्त मनोकामनायें पूर्ण करने की शक्ति है अतः अपनी आवश्यकता अनुसार अलग-अलग पदार्थों से अभिषेक करके प्राणी इच्छित फल प्राप्त कर सकता है। इनमें दूध से पुत्र प्राप्ति, गन्ने के रस से यश उत्तम पति/पत्नी की प्राप्ति, शहद से कर्ज मुक्ति, कुश एवं जल से रोग मुक्ति, पंचामृत से अष्टलक्ष्मी तथा तीर्थों के जल से मोक्ष की प्राप्ति होती है।
शिवलिंग पर कौन सा फूल चढ़ाएं
भगवान शिव को धतूरे के फूल बहुत प्रिय होते हैं। इसके अलावा हरसिंगार, नागकेसर के सफेद पुष्प, कनेर, आक, कुश आदि के फूल भी भगवान शिव को चढ़ाने का विधान है।
कौन से शिव मंत्र का जाप करें
ॐ नमः शिवाय॥
नम: शिवाय॥
ॐ ह्रीं ह्रौं नम: शिवाय॥
ॐ पार्वतीपतये नम:॥
ॐ पशुपतये नम:॥
ॐ नम: शिवाय शुभं शुभं कुरू कुरू शिवाय नम: ॐ ॥
महामृत्युंजय मंत्र
ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम् उर्वारुकमिव बन्धनानत् मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्।।
47 साल बाद पवित्र सावन में सोमवती अमावस्या व पूर्णिमा
पंडित रुपनारायण शास्त्री ने बताया कि इस साल श्रावण मास में दो सोमवार को विशेष रूप से अमावस्या और पूर्णिमा पड़ रहे हैं। सोमवती अमावस्या 20 जुलाई और 3 अगस्त को सोमवती पूर्णिमा का संयोग 47 वर्षों बाद बना है। यह अद्भुत संयोग 47 साल पहले 1973 में बना था।
श्रावण मास में पांच सोमवार इससे पहले कब कब पड़े
इस बार श्रावण मास में पांच सोमवार पड़ने का योग बना है। पंडितों के अनुसार, पांच सोमवार को योग वर्ष 1976, 1990, 1997 व 2017 में बना था। यही संयोग 2024 में भी बनेगा। यह माह सोमवार से शुरू और सोमवार को ही माह की विदाई होगी। 13 जुलाई हो कृष्ण पक्ष की अष्टमी, 20 जुलाई को अमावस्या, 27 जुलाई को सप्तमी, 3 अगस्त को पूर्णिमा पर विशेष योग बन रहे हैं। इस योग में पौधारोपण करने से पूर्व के सभी दोषों का क्षमन और सुख-समृद्धि की प्राप्ति होगी।
तीसरे सोमवार को सर्वार्थसिद्धि योग, हरियाली सोमवती अमावस्या
पंडित सोमेश शर्मा के अनुसार सावन के तीसरे सोमवार को कई शुभ योग भी हैं। कार्य को सिद्धि देने वाला योग सर्वार्थसिद्धि बना है। इस दिन सोमवती अमावस्या के रूप में भी पूजा की जाएगी। हरियाली अमावस्या भी पड़ रही है। यह सौभाग्य और पितरों की कृपा पाने का दिन माना गया है।
पांचवे सोमवार को श्रेष्ठ सिद्धिकारक रवि योग
अंतिम सोमवार 3 अगस्त को रवियोग पड़ रहा है। यह योग श्रेष्ठ सिद्धिकारक और मनोकामनापूर्ति के लिए उपयुक्त माना जाता है। इस दिन शिवजी की उपासना शुभफलकारण और सुख-समृद्धि प्रदान करने वाला होगी।