नई दिल्ली। UGC- विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के फैसले और HRD- मानव संसाधन एवं विकास मंत्रालय के इंस्ट्रक्शन के बावजूद दिल्ली की अरविंद केजरीवाल सरकार ने फाइनल ईयर सहित सभी विश्वविद्यालयों की सभी प्रकार की परीक्षाओं को रद्द कर दिया है। सभी कॉलेज स्टूडेंट्स को जनरल प्रमोशन देने की घोषणा की गई है। स्टूडेंट्स को यूनिवर्सिटी द्वारा तय किए गए मूल्यांकन मापदंडों के आधार पर डिग्री दी जाएगी।
कॉलेज परीक्षा रद्द करने सीएम अरविंद केजरीवाल ने पीएम नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा
दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने शनिवार को यह घोषणा की। प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान सिसोदिया ने कहा कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने पीएम मोदी को पत्र लिखकर केंद्र के अंतर्गत आने वाले सभी विश्वविद्यालयों में भी अंतिम वर्ष समेत सभी परीक्षाओं को रद्द करने का अनुरोध किया है। परीक्षाओं को लेकर यूजीसी और केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय की नई गाइडलाइंस आने के बाद केजरीवाल सरकार का यह फैसला काफी चौंकाने वाला है।
यूजीसी गाइडलाइन: 30 सितंबर तक परीक्षा आयोजित करना अनिवार्य
यूजीसी की रिवाइज्ड गाइडलाइंस के मुताबिक सभी कॉलेजों व विश्वविद्यालयों के लिए 30 सितंबर तक यूजी और पीजी कोर्सेज के फाइनल ईयर/सेमिस्टर की परीक्षाएं कराना अनिवार्य है। सिसोदिया ने कहा, 'यूनिवर्सिटी एग्जाम पर फैसला लेने का मामला काफी पेचीदा था। जिस सेमिस्टर की परीक्षाएं लेनी हैं, कोरोना महामारी व लॉकडाउन की वजह से उसकी पढ़ाई ही नहीं हो सकी है।
कॉलेज परीक्षा रद्द करने के पीछे दिल्ली सरकार की दलील
दिल्ली सरकार का मानना है कि जिस सेमिस्टर को पढ़ाया ही नहीं गया है, उसकी परीक्षा करना मुश्किल है। दिल्ली सरकार का मानना है कि इस अभूतपूर्व समय में अभूतपूर्व निर्णय लिए जाने जरूरी हैं।' उपमुख्यमंत्री ने कहा, 'दिल्ली राज्य की सभी यूनिवर्सिटीज़ में आगामी परीक्षाएं कैंसल की जाएंगी। सभी यूनिवर्सिटीज़ के सेमिस्टर और टर्मिनल एग्जाम कैंसल किए जाएंगे। फाइनल ईयर की परीक्षाएं भी नहीं होंगी। फर्स्ट ईयर, सेकेंड ईयर या थर्ड ईयर, कोई भी परीक्षा दिल्ली सरकार के तहत आने वाले विश्वविद्यालयों में नहीं ली जाएगी। सभी यूनिवर्सिटीज़ को कहा गया है कि बिना लिखित परीक्षा कराए पिछली परीक्षाओं के आधार पर या अन्य मूल्यांकन मापदंड़ों के आधार पर बच्चों को प्रमोट करें।'
महामारी की स्थिति में परीक्षाएं नहीं कराई जा सकती: उपमुख्यमंत्री दिल्ली सरकार
उन्होंने कहा, 'कोरोना महामारी की स्थिति में परीक्षाएं नहीं कराई जा सकतीं। लेकिन स्टूडेंट्स ने तीन चार साल मेहनत की है, उन्हें डिग्री की जरूरत है। नौकरी के लिए उन्हें डिग्री मिलनी चाहिए। बहुतों को आगे पढ़ाई के लिए एप्लाई करना होगा। उनकी डिग्री रोककर रखना उनके साथ अन्याय होगा।'