इंदौर। भारतीय जनता पार्टी द्वारा राज्यसभा सदस्य बनाए गए मध्य प्रदेश के पॉलिटिकल सेलिब्रिटी ज्योतिरादित्य सिंधिया दिनांक 17 अगस्त को इंदौर आ रहे हैं। बड़ी खबर यह है कि ज्योतिरादित्य सिंधिया भारतीय जनता पार्टी के ज्यादा से ज्यादा नेताओं के घर जाएंगे। इसी के चलते पॉलिटिक्स तेज हो गई है क्योंकि जिसके घर सिंधिया नहीं जाएंगे, उसे इंदौर में भाजपा का छोटा नेता माना जाएगा।
ज्योतिरादित्य सिंधिया इंदौर में सारे दिग्गजों के घर जाएंगे
प्रेस को प्राप्त हुए कार्यक्रम के अनुसार, श्री ज्योतिरादित्य सिंधिया 17 अगस्त को सुबह 11.40 पर दिल्ली से उड़ान भरकर दोपहर 1:05 पर इंदौर पहुंचेंगे। यहां से वे सीधे महू से भाजपा विधायक और मप्र सरकार की पर्यटन मंत्री उषा ठाकुर के घर जाकर उनसे मुलाकात करेंगे। यहां से उज्जैन रवाना होंगे और उज्जैन से वापस लौट कर भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय, इंदौर-2 से विधायक रमेश मेंदोला, पूर्व लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन और वर्तमान इंदौर सांसद शंकर लालवानी से उनके घर पर जाकर मिलेंगे। रात को होटल मैरियट में रुकने के बाद अगले दिन (18 अगस्त) सुबह दिल्ली लौट जाएंगे।
ज्योतिरादित्य सिंधिया उज्जैन में किस-किस के घर जाएंगे
इसके बाद वे सड़क मार्ग से उज्जैन जाएंगे। उज्जैन में वे भाजपा सांसद अनिल फिरोजिया से उनके घर जाकर मिलेंगे। इसके बाद वे मप्र सरकार के मंत्री मोहन यादव के घर भी जाएंगे। अपने उज्जैन प्रवास के दौरान सिंधिया भाजपा नेता पारस जैन और शिवा कोटवाणी से मिलने उनके घर जाएंगे। इसी दिन शाम को रामघाट पर महाकाल की शाही सवारी का पूजन कर वे इंदौर लौटेंगे।
भाजपा में ज्योतिरादित्य सिंधिया का स्वागत लेकिन उनके समर्थक नामंजूर
मप्र विधानसभा की 27 सीटों पर होने वाले उपचुनाव को देखते हुए सिंधिया का यह दौरा काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है। सिंधिया के कांग्रेस छोड़कर भाजपा में आने के बाद उनके कई समर्थक भी कांग्रेस से भाजपा में आ गए है। जो उपचुनाव में भाजपा की तरफ से टिकट के दावेदार हैं। इसमें सांवेर विधानसभा से तुलसी सिलावट भी शामिल है। वैसे तो भाजपा के बड़े नेता सिंधिया समर्थकों को अपना बताते हुए उनका साथ देने की बात कह रहे हैं लेकिन वे इन नए-नए भाजपाइयों को पूरी तरह से स्वीकार करने में अब भी हिचकिचा रहे है।
इंदौर विधानसभा क्षेत्र क्रमांक-2 में अब तक जो नेता कांग्रेस का झंडा उठाकर भाजपा के खिलाफ प्रचार करते थे उनमें से अधिकांश सिंधिया समर्थक नेता अब भाजपा में शामिल हो गए हैं। लेकिन स्थानीय भाजपा कार्यकर्ताओं द्वारा इन्हें स्वीकारने में हिचक रहे हैं। 2018 के विधानसभा चुनाव में भाजपा के रमेश मेंदोला को टक्कर देने वाले मोहन सेंगर अब खुद भाजपाई हो गए है।