भोपाल। कल गणेश चतुर्थी है। घर-घर गणपति बप्पा पधारेंगे। भगवान गणेश जी का जन्मोत्सव मनाया जाता है. देश भर में गणेश चतुर्थी का पर्व धूमधाम से मनाया जाता है। इस बार कोरोना वायरस के कारण गणेशपूजा भी फीका पड़ जाएगा। भाद्र मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को जन्में भगवान गणेश का उत्सव भारत के कई इलाकों में 10 दिनों तक मनाया जाएगा। गणेश चतुर्थी के दिन भगवान गणेशजी की 10 दिन के लिए स्थापना करके उनकी पूजा-अर्चना की जाती है। शास्त्रों के अनुसार भगवान गणेश की प्रतिमा की 1, 2, 3, 5, 7, 10 आदि दिनों तक पूजा करने के बाद उसका विसर्जन किया जाता है। गणेश जी को घर पर स्थापित करने के बाद से विसर्जन करने तक उनका पूरा ख्याल रखा जाता है और उन्हें अकेला भी नहीं छोड़ा जाता।
गणपति स्थापना / गणेश चतुर्थी की पूजन सामग्री
गणेश जी की पूजा के लिए गणेश प्रतिमा, जल कलश, पंचामृत, लाल कपड़ा, रोली, अक्षत यानी साबुत चावल, कलावा, जनेऊ, इलाइची, नारियल, चांदी का वर्क, सुपारी, लौंग पंचमेवा, घी, कपूर, पूजा के लिए चौकी, लाल कपड़ा और गंगाजल इत्यादि चीजों को इकट्ठा कर लें।
गणेश चतुर्थी से लेकर अनंत चतुर्दशी तक यानी कि जब तक भगवान गणेशजी घर में रहते हैं तब तक उनका मेहमान की तरह ध्यान रखा जाता है। गणपति को दिन भर में 3 बार भोग लगाना अनिवार्य होता है। वैसे गणपति को मोदक अति प्रिय होते हैं। इसलिए इसका भोग लगाना चाहिए। लेकिन आप चाहें तो गणेश जी को बेसन के लड्डू का भी भोग लगा सकते हैं।
गणपति स्थापना / गणेश चतुर्थी पूजा का शुभ मुहूर्त
इस बार 21 अगस्त यानि आज 11 बजे सुबह से चुतुर्थी तिथि शुरू हो गई है और 22 अगस्त कल 7 बजकर 57 मिनट शाम तक चुतुर्थी तिथि रहेगी. इसमें राहुकाल को हटाकर आप गणपति की स्थापना करने का काम कर सकते हैं. पूजन का शुभ मुहूर्त दोपहर 12 बजकर 45 मिनट तक है. विशेष मुहूर्त सुबह 11 बजकर 45 मिनट से दोपहर 12 बजकर 45 मिनट तक रहेगा. पूजन का शुभ मुहूर्त दोपहर 12 बजकर 45 मिनट है. विशेष मुहूर्त सुबह 11 बजकर 45 मिनट से दोपहर 12 बजकर 45 मिनट तक है.
गणपति स्थापना / गणेश चतुर्थी भगवान की पूजा विधि
गणेश भगवान की प्रतिमा की स्थापना के बाद गणेश जी को सिंदूर लगाएं। गणपति की मूर्ति के पास तांबे या चांदी के कलश में जल भरकर रख लें. उस कलश को गणपति के दांई ओर रखें और उन्हें चांदी का वर्क लगाएं, इसके उपरान्त उन्हें जनेऊ, लाल पुष्प, दूब, मोदक, नारियल आदि सामग्री अर्पित करें। आखिरी में उनकी आरती उतारें और भोग लगाएं।
गणेश चतुर्थी के दिन दोपहर में गणेश मूर्ति की स्थापना की जानी चाहिए। मूर्ति स्थापना के लिए सबसे पहले एक लाल वस्त्र चौकी पर बिछाएं। फिर उस लाल वस्त्र पर अक्षत छिड़कें और उसके ऊपर भगवान गणेश की मूर्ति को स्थापित करें। इसके बाद गणेश भगवान को स्नान कराएं। रिद्धि-सिद्धि के रूप में प्रतिमा के दोनों ओर एक-एक सुपारी भी रखें, इसके बाद भगवान गणेश जी की अराधना करें।
गणेश चतुर्थी का शुभ मुहूर्त
मध्यान्ह गणेश पूजन मुहूर्त - 10:46 सुबह से 1:57 दोपहर तक
वर्जित चंद्रदर्शन का समय - 8:47 रात से 9:22 रात तक