कल के लेख में हमने धारा 103 की परिभाषा बारे में बताया था जिसमें व्यक्ति चार परिस्थितियों में अपनी या अन्य की संपत्ति की सुरक्षा कर सकता है अगर परिस्थिति गंभीर हो तो यह हमलावर की मृत्यु भी कर सकता है लेकिन आज की धारा 105 में हम आपको बताएंगे कि संपत्ति की निजी सुरक्षा का अधिकार कब प्रारंभ होता है और कब तक बना रहता है जानिए।
भारतीय दण्ड संहिता,1860 की धारा 105 की परिभाषा:-
यह धारा 102 जिसमे हमने आपको बताया था शारीरिक प्रतिरक्षा का अधिकार कब से कब तक कि समयावधि तक रहता है यह उस अपराधों से थोड़ा भिन्न है। निम्न समयावधि होती है संपत्ति के निजी प्रतिरक्षा अधिकार के लिए जानिए:-
1. चोरी:- अपराधी के संपत्ति सहित पहुँच के बाहर हो जाने तक, संपत्ति वापस प्राप्त हो जाने तक या सरकारी अधिकारी की सहायता प्राप्त करने तक। (इनके बीच तक संपत्ति के निजी प्रतिरक्षा का अधिकार बना रहता है।)
2. लूट:- हमलावर किसी व्यक्ति पर तुरंत मृत्यु करने के लिए हमला कर रहा है या हमला करने की आशंका है तब तक।
3.:- रात्रि में घर में घुसना:- रात्रि गृह भेदन के विरुद्ध निजी सुरक्षा का अधिकार तब तक बना रहता है जब तक तक कि जब तक रात में घर पर अतिचार उत्पन्न होता रहता हैं।
4. आपराधिक उद्देश्य से संपत्ति को नष्ट करना:- यहाँ पर निजी सुरक्षा का अधिकार तब तक बना रहता है जब तक अपराधी संपत्ति को नष्ट कर रहा है या यथास्थिति करता है।
उधरणानुसार:- उत्तर प्रदेश बनाम रामस्वरूप वाद:- यदि स्वामी चुराई गई संपत्ति चोरी की घटना के कुछ अंतराल के बाद चोर के पास देखता है, तो वह उस संपत्ति को प्राप्त करने के लिए चोर पर धारा 105 के अंतर्गत निजी प्रतिरक्षा का अधिकार का प्रयोग नहीं कर सकता है एवं लूट के मामले में निजी प्रतिरक्षा का अधिकार तब तक बना रहता हैं जब तक कि हिंसा के प्रयोग का खतरा बना हुआ है। लेकिन खतरा टलते ही यह अधिकार समाप्त हो जाएगा। बी. आर. अहिरवार (पत्रकार एवं लॉ छात्र होशंगाबाद) 9827737665 | (Notice: this is the copyright protected post. do not try to copy of this article)
कानूनी जानकारी से संबंधित 10 सबसे लोकप्रिय लेख
कोर्ट में गीता पर हाथ रखकर कसम क्यों खिलाते थे, रामायण पर क्यों नहीं है
सरकारी अधिकारी निर्दोष नागरिक को जबरन रोककर रखे तो IPC की किस धारा के तहत मामला दर्ज होगा
अधिकारी, कोर्ट में गलत जानकारी पेश कर दे तो विभागीय कार्रवाई होगी या FIR दर्ज होगी
क्या जमानत की शर्तों का उल्लंघन अपराध है, नई FIR दर्ज हो सकती है
एक व्यक्ति अपराध करे और दूसरा सिर्फ साथ रहे तो दूसरा अपराधी माना जाएगा या नहीं
रात के समय किसी के घर में चोरी छुपे घुसना किस धारा के तहत अपराध है
यदि कोई मर्जी के बिना घर में घुस आए तो क्या FIR दर्ज करवाई जा सकती है
धूम्रपान करने वालों के खिलाफ IPC की किस धारा के तहत FIR दर्ज होगी
आम रास्ते में रुकावट पैदा करने वाले के खिलाफ किस धारा के तहत FIR दर्ज होती है
गर्भपात के दौरान यदि महिला की मृत्यु हो गई तो जेल कौन जाएगा डॉक्टर या पति
यदि जबरदस्ती नशे की हालत में अपराध हो जाए तो क्या सजा से माफी मिलेगी
सरकारी अधिकारी निर्दोष नागरिक को जबरन रोककर रखे तो IPC की किस धारा के तहत मामला दर्ज होगा
अधिकारी, कोर्ट में गलत जानकारी पेश कर दे तो विभागीय कार्रवाई होगी या FIR दर्ज होगी
क्या जमानत की शर्तों का उल्लंघन अपराध है, नई FIR दर्ज हो सकती है
एक व्यक्ति अपराध करे और दूसरा सिर्फ साथ रहे तो दूसरा अपराधी माना जाएगा या नहीं
रात के समय किसी के घर में चोरी छुपे घुसना किस धारा के तहत अपराध है
यदि कोई मर्जी के बिना घर में घुस आए तो क्या FIR दर्ज करवाई जा सकती है
धूम्रपान करने वालों के खिलाफ IPC की किस धारा के तहत FIR दर्ज होगी
आम रास्ते में रुकावट पैदा करने वाले के खिलाफ किस धारा के तहत FIR दर्ज होती है
गर्भपात के दौरान यदि महिला की मृत्यु हो गई तो जेल कौन जाएगा डॉक्टर या पति
यदि जबरदस्ती नशे की हालत में अपराध हो जाए तो क्या सजा से माफी मिलेगी