भोपाल। लॉकडाउन में नौकरी छोड़ अपना बिजनेस शुरू करने से एक युवक की मंगेतर ने शादी करने से मना कर दिया और सगाई तोड़ दी। एमबीए पास युवती का कहना है कि उसे शुरू से बड़े शहर में नौकरीपेशा लड़का पसंद था। अब जब उसका यह सपना टूट रहा है तो वह बिजनेसमैन से शादी नहीं करेगी। मामला कुटुंब न्यायालय की काउंसलर सरिता राजानी के पास पहुंचा, जिसमें युवती ने शादी से इंकार कर दिया।
काउंसिलिंग में युवती ने कहा कि उसने युवक को इसलिए पसंद किया था, क्योंकि वह पुणे के एक प्रायवेट बैंक में मैनेजर के पद पर कार्यरत था। जहां शादी के बाद मैं भी कोई जॉब कर सकती थी। अब उसने जॉब छोड़कर भोपाल में अपना बिजनेस शुरू किया है तो उसे भी यहीं ससुराल में रहना पड़ेगा। युवती ने कहा कि संयुक्त परिवार और बिजनेस करने वाला लड़का उसकी पसंद नहीं है। इस कारण उसने दो साल पहले हुई सगाई को तोड़ दिया था। हालांकि मामले में एक माह से अधिक समय तक काउंसिलिंग होने के बाद युवती मान गई और दोनों शादी करने के लिए तैयार हो गए।
काउंसिलिंग में युवक ने बताया कि पुणे के एक प्रायवेट बैंक में मैनेजर के पद पर कार्यरत था। लॉकडाउन के समय उसे नौकरी छोड़नी पड़ी। उसने भोपाल आकर अपना बिजनेस शुरू किया। इससे युवती ने शादी से इंकार कर दिया, जबकि दोनों के परिवारों में दोस्ती है। 2018 में हम दोनों की सगाई हुई थी और जून 2020 में शादी की तारीख तय थी। शादी की पूरी तैयारियां हो चुकी थीं, लेकिन कोरोना के बढ़ते संक्रमण की स्थिति और ऑफिस में हुए विवाद के कारण नौकरी छोड़कर मैं अपने घर वापस आ गया। यहां आने पर खुद का बिजनेस शुरू कर दिया, लेकिन मंगेतर को यह बात रास नहीं आई।
काउंसलर ने बताया कि सगाई टूटने के बाद दोनों परिवारों ने एक-दूसरे का सामान भी लौटा दिया था। शादी की सभी बुकिंग भी कैंसिल कर दी गईं, लेकिन युवक शादी तोड़ना नहीं चाहता था। युवक ने ही कॉल कर मामले की जानकारी दी और कहा कि दो साल का रिश्ता तोड़ना आसान नहीं होता उसने अपनी मंगेतर के साथ काउंसिलिंग कराई। उसके प्रयास से टूटा रिश्ता फिर से जुड़ गया है।
इनका कहना है
युवक-युवती और उनके परिवार की कई बार काउंसिलिंग करने के बाद शादी के लिए दोनों तैयार हुए। युवक ने अपनी मंगेतर के हर सपने को पूरा करने का वादा किया। तब युवती भी राजी हो गई।
सरिता राजानी, काउंसलर कुटुंब न्यायालय