COLLEGE EXAM को लेकर UGC ने फिर से बयान जारी किया / EDUCATION NEWS

Bhopal Samachar
नई दिल्ली। यूजीसी- यूनिवर्सिटी ग्रांट कमिशन (विश्वविद्यालय अनुदान आयोग) ने कॉलेज परीक्षाओं को लेकर एक बार फिर बयान जारी किया है। सुप्रीम कोर्ट में चल रही कार्यवाही के बीच यूजीसी ने कहा है कि किसी भी व्यक्ति को यह धारणा नहीं रखना चाहिए कि परीक्षा कार्यक्रम पर सुप्रीम कोर्ट की कार्यवाही का कोई असर पड़ेगा। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले की सुनवाई के लिए 10 अगस्त की तारीख तय की है। 

विश्वविद्यालय अनुदान आयोग ने कहा कि स्टूडेंट को अपनी तैयारी करना चाहिए। सुप्रीम कोर्ट में परीक्षाओं को रद्द करके जनरल प्रमोशन देने की मांग की गई है। वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि बहुत से विश्विद्यालयों में ऑनलाइन परीक्षा के लिए जरूरी सुविधाएं नहीं हैं। इस पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि ऑफलाइन का भी विकल्प है।

फिर वकील ने कहा कि लेकिन बहुत से लोग स्थानीय हालात या बीमारी के चलते ऑफलाइन परीक्षा नहीं दे पाएंगे। फिर कोर्ट ने कहा कि उन्हें बाद में परीक्षा देने का विकल्प देने से और भ्रम फैलेगा लेकिन ये तो छात्रों के हित में नजर आता है। इसके अलावा सुप्रीम कोर्ट ने महाराष्ट्र में स्टेट डिजास्टर मैनेजमेंट कमेटी की तरफ से लिए गए फैसले की कॉपी रिकॉर्ड पर रखने को कहा है।

इससे पहले यूजीसी ने गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट में अपना जवाब दाखिल किया। जिसमें कहा गया कि फाइनल ईयर की परीक्षाएं 30 सितंबर तक आयोजित करवाने का मकसद छात्रों का भविष्य संभालना है ताकि छात्रों की अगले साल की पढ़ाई में देरी ना हो। देशभर के विश्वविद्यालयों में फाइनल ईयर परीक्षा करवाने को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट ने UGC को जवाब देने के लिए कहा था।

सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिकाओं में कोरोना को लेकर छात्रों के स्वास्थ्य के मद्देनजर परीक्षा आयोजित ना करवाने की मांग की गई है। याचिकाओं में 6 जुलाई को जारी किए गए यूजीसी के दिशानिर्देशों को रद्द करने के लिए सुप्रीम कोर्ट से निर्देश जारी करने की मांग की गई है। 6 जुलाई को यूजीसी के दिशानिर्देशों में सभी विश्वविद्यालयों और कॉलेजों को 30 सितंबर तक अंतिम वर्ष की परीक्षाएं आयोजित करने का निर्देश दिया गया था। 

केंद्रीय गृह मंत्रालय ने विश्वविद्यालयों और संस्थानों द्वारा 6 जुलाई, 2020 की अधिसूचना जारी करते हुए परीक्षा आयोजित करने की अनुमति दी थी और विश्वविद्यालयों को यूजीसी के दिशानिर्देशों के अनुसार अंतिम वर्ष के छात्रों की परीक्षा आयोजित करने का आदेश दिया था। 

याचिकाकर्ताओं में कोरोना पॉजिटिव का एक छात्र भी शामिल है। उसने कहा है कि ऐसे कई अंतिम वर्ष के छात्र हैं जो या तो खुद या उनके परिवार के सदस्य कोरोना पॉजिटिव हैं। ऐसे छात्रों को 30 सितंबर, 2020 तक अंतिम वर्ष की परीक्षाओं में बैठने के लिए मजबूर करना, अनुच्छेद 21 के तहत प्रदत्त जीवन के अधिकार का खुला उल्लंघन है।

01 अगस्त को सबसे ज्यादा पढ़े जा रहे समाचार

BIKE में CC का फुल फॉर्म क्या होता है, 100cc-150cc का क्या मतलब होता है 
लैपटॉप की चार्जर में यह काले चूहे जैसा उपकरण क्या होता है 
ग्वालियर कलेक्टर से मुख्यमंत्री खुश लेकिन मुख्य सचिव असंतुष्ट 
MP COLLEGE ADMISSION 2020 के लिए CAP की गाइड लाइन जारी 
ग्वालियर का हाई कोर्ट सील, गली-गली में कोरोना का कहर
मध्यप्रदेश में रक्षाबंधन से पहले रविवार को बाजार नहीं खुलेगा: नरोत्तम मिश्रा
भारत की शिक्षा नीति 2020 में शिक्षकों और B.Ed कोर्स में बड़े बदलाव
मध्यप्रदेश में कोई भी कलेक्टर डायरेक्ट लॉकडाउन नहीं कर सकेगा
मध्य प्रदेश कोरोना: 4 जिले सुरक्षित 5 जिलों में खतरा, शेष में कलेक्टर और कोरोना के बीच लुका छुपी
MP BOARD 10th-12th सप्लीमेंट्री एग्जाम का ऑफिशियल नोटिफिकेशन
TATA SKY ने 6 सेवाओं का शुल्क 50% घटाया
मध्यप्रदेश में मंत्रियों के वेतन से कोरोना कटौती
मेरी वाइफ चिंगारी एप पर पॉपुलर होने के लिए पराए पुरुषों के साथ
इंदौर में वेब सीरीज के नाम पर एक्ट्रेस के बोल्ड सीन शूट करके

#buttons=(Ok, Go it!) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Check Now
Ok, Go it!