जबलपुर। श्री एस के मिश्रा, लिपिक सतना जिले के स्कूल शिक्षा विभाग में पदस्थ हैं। सेवा शर्तों के अनुसार, नियमित वेतन वृद्धि प्राप्त करने हेतु हिंदी टाइपिंग परीक्षा कर्मचारी को पास करनी थी। दूसरे शब्दों में, नियमित इंक्रीमेंट का लगाया जाना, हिंदी मुद्र लेखन पास करने के आधीन था। सम्बन्धित लिपिक द्वारा दिनांक 25/02/2007 को हिन्दी टायपिंग परीक्षा पास कर ली गई थी। तदानुसार पास करने की दिनांक से वेतन निर्धारण किया गया था।
परंतु कई वर्षो बाद संयुक्त संचालक कोष लेखा, द्वारा वेतन वृद्धि के प्रदाय पर लगायी गई आपत्ति के अनुपालन में मुद्र लेखन परीक्षा पास करने को डेट से दिया गया लाभ निरस्त कर, एक साल बाद से इंक्रीमेंट का लाभ दिया गया। वेतन पुनर्निर्धारण के कारण, अंतर की राशि को कर्मचारी से वसूली किये जाने के निर्देश भी जारी हुए।
लिपिक द्वारा उपरोक्त संबंध में, हाई कोर्ट जबलपुर की शरण ली गई थी। याचिकाकर्ता के अधिवक्ता श्री अमित चतुर्वेदी, उच्च न्यायालय, जबलपुर के अनुसार, हाई कोर्ट ने पूर्व में इस संबंध में सिद्धांत प्रतिपादित किया हुआ कि, हिन्दी टायपिंग पास करने की शर्तों के आधीन, लिपिक कब से नियमित इंक्रीमेंट पात्र होंगें।
उसके अनुसार, लिपिक संवर्ग को हिंदी मुद्र लेखन पास करने की डेट से नियमित वेतन वृद्धि प्राप्त होनी चाहिये। उल्लेखनीय हैं कि कोई नियम इंक्रीमेंट, टायपिंग पास, करने की तिथि से प्रदाय को, प्रतिबंधित नही करता है।
प्रथम दृष्टया, उच्च न्यायालय जबलपुर सहमत हुआ एवं वसूली को स्टे करते हुए, इंक्रीमेंट के संबंध में वित्त विभाग, स्कूल शिक्षा विभाग सहित अन्य को नोटिस जारी कर जबाब तलब किया है।