कल के लेख में हमने आपको बताया था कि कोई व्यक्ति जानबूझकर कर फर्जी या नकली स्टाम्प का प्रयोग करता है तो वह व्यक्ति धारा 260 के अंतर्गत दोषी होता है परंतु आज हम बताएगे की कोई व्यक्ति असली स्टाम्प को यह जानते हुए की इस स्टाम्प का पहले प्रयोग हो चुका है दोबारा से प्रयोग में लाएगा ऐसा करने वाला व्यक्ति भी अपराधी माना जाता है जानिए भारतीय दण्ड संहिता की परिभाषा।
भारतीय दण्ड संहिता,1860 की धारा 262 की परिभाषा:-
अगर कोई व्यक्ति जानते हुए या जानबूझकर कर ऐसे स्टाम्प का दोबारा से प्रयोग करता है जिसका पहले ही किसी शासकीय कार्य मे प्रयोग हो चुका है। ऐसा करने वाला व्यक्ति धारा 262 के अंतर्गत दोषी होगा।
भारतीय दण्ड संहिता,1860 की धारा 262 के अंतर्गत दण्ड का प्रावधान:-
इस धारा के अपराध किसी भी प्रकार से समझौता योग्य नहीं होते हैं। यह अपराध संज्ञेय एवं जमानतीय अपराध होते हैं। इनकी सुनवाई का अधिकार किसी भी मजिस्ट्रेट को होता है। सजा- दो वर्ष की कारावास या जुर्माना या दोनो से दण्डित किया जा सकता है।
बी. आर. अहिरवार (पत्रकार एवं लॉ छात्र होशंगाबाद) 9827737665 | (Notice: this is the copyright protected post. do not try to copy of this article)
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