नवजात शिशु की मुट्ठी बंद क्यों रहती है, क्या उसमें सचमुच भाग्य छुपा होता है / GK IN HINDI

Bhopal Samachar
कहते हैं बच्चा अपना भाग्य खुद लेकर आता है। जन्म के समय हम जब बच्चे को देखते हैं तो उसके दोनों हाथों की मुट्ठी बंद रहती है। सवाल ये है कि क्या नवजात शिशु की बंद मुट्ठी में सचमुच भाग्य होता है या फिर इसके पीछे कोई और कारण है। आइए पता लगाते हैं:-

बच्चा अपना भाग्य खुद लेकर आता है, ऐसा क्यों कहते हैं

हर व्यक्ति के हाथों में रेखाएं होती हैं और यह रेखाएं जन्म के समय भी हाथों में होती है। मनुष्य के भाग्य का वर्णन, पूर्वानुमान या भविष्यवाणी करने का एक आधार हस्तरेखा शास्त्र भी होता है। कुछ समुदायों में इसे कला और कुछ समुदायों में इसे विज्ञान कहते हैं। वास्तविकता जो भी हो लेकिन हाथ की रेखाओं को देखकर भविष्य बताने का काम दुनिया के लगभग सभी देशों में और सभी धर्मों में किया जाता है और हाथों की रेखाएं शिशु के जन्म से पहले उसकी हथेली पर बन जाती है। निश्चित रूप से मुट्ठी बंद होने के कारण ही बनती है। शायद इसीलिए कहा जाता है कि बच्चा अपना भविष्य खुद लेकर आता है।

नवजात शिशु की मुट्ठी बंद क्यों रहती है, मेडिकल साइंस से पूछते हैं 

डॉ राजेश मिश्रा बताते हैं कि मां के गर्भ में सबसे नाजुक शिशु नहीं होता बल्कि वह पतली झिल्लीदार एम्नियोटिक थैली (amniotic sac) होती है जिसके अंदर शिशु विकसित होता है। यदि एम्नियोटिक थैली को नुकसान पहुंच जाए तो गर्भस्थ शिशु की मृत्यु सुनिश्चित है। यह तो सभी जानते हैं कि मनुष्य, ईश्वर की सबसे नायाब कृति है। इसीलिए शिशु की मुट्ठी बंद और अंगूठा अंदर रहता है ताकि उसके मुलायम लेकिन धारदार नाखूनों से एम्नियोटिक थैली को कोई नुकसान ना पहुंच जाए। अब सवाल उठता है कि नाखून तो पैर में भी होते हैं और गर्भ के अंदर शिशु सबसे ज्यादा पैर पटकता है। तो जवाब यह है कि कृपया नवजात शिशु के पैरों को ध्यान से देखिए। पैरों के नाखून अंदर की तरफ मुड़े हुए होते हैं। इसलिए उन से नुकसान नहीं होता। Notice: this is the copyright protected post. do not try to copy of this article
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