इंदौर। एडल्ट इंदौर मेंफिल्म और अश्लील वेबसाइट सर्च करने वाले कई नाबालिग ब्लैकमेलरों के जाल में फंस गए। उनकी सारी जानकारी जुटा ली उनकी और मां व बहनों की अश्लील फिल्म बनाकर ब्लैकमेल करने लगे। रुपए देने के बाद भी ब्लैकमेलर ने वीडिया सार्वजनिक करने की धमकी दी तो संभ्रांत परिवार के बच्चे क्राइम ब्रांच पहुंचे।
पोर्न साइट देखने व ढूंढने के दौरान जालसाज पॉपअप एड फ्लैश करते हैं। इस पर क्लिक करते ही एक मैसेज आता है कि आपका अश्लील फिल्म देखते हुए वीडियो वायरल हो रहा है। रोकने के लिए फिशिंग लिंक पर क्लिक करने का ऑप्शन देते हैं। लिंक पर क्लिक करते ही जालसाजों के पास बैंक खातों, ई-वॉलेट की सारी जानकारी पहुंच जाती है। कई बार आरोपित खातों से रुपये निकाल लेते है। कई बार अकाउंट हैक कर दूसरों के खातों में रुपये ट्रांसफर कर लेते हैं।
पोर्न साइट देखने व ढूंढने के दौरान जालसाज पॉपअप एड फ्लैश करते हैं। इस पर क्लिक करते ही एक मैसेज आता है कि आपका अश्लील फिल्म देखते हुए वीडियो वायरल हो रहा है। रोकने के लिए फिशिंग लिंक पर क्लिक करने का ऑप्शन देते हैं। लिंक पर क्लिक करते ही जालसाजों के पास बैंक खातों, ई-वॉलेट की सारी जानकारी पहुंच जाती है। कई बार आरोपित खातों से रुपये निकाल लेते है। कई बार अकाउंट हैक कर दूसरों के खातों में रुपये ट्रांसफर कर लेते हैं।
मामले की जांच कर रहे साइबर विशेषज्ञ के मुताबिक, घटनाएं लॉकडाउन के दिनों की है। खुड़ैल निवासी 15 वर्षीय बच्चा स्वजन के साथ क्राइम ब्रांच पहुंचा और बयान दर्ज करवाए। बच्चे के मुताबिक, वह गेम खेलने के लिए स्वजन से मोबाइल ले लेता था। इसी दौरान छिप-छिपकर अश्लील साइट सर्च करने लगा। एक दिन ब्लैकमेलर का कॉल आया और कहा कि उसकी सारी जानकारी उनके पास है। उसकी बहन, मां के अश्लील फोटो भी हैं। रुपये दे दो वरना वीडियो व फोटो इंटरनेट पर अपलोड कर सार्वजनिक कर दिए जाएंगे।
बच्चे ने डर के कारण करीब 60 हजार रुपए ब्लैकमेलर के खाते में जमा करवा दिए। इसके कुछ दिन बाद सराफा क्षेत्र का एक व्यवसायी भी पहुंच गया। उसने भी इसी तरह की घटना बताई और ब्लैकमेलिंग की शिकायत की। हालांकि व्यवसायी ने आरोपितों को रुपए देने से मना कर दिया था। एएसपी (क्राइम) राजेश दंडोतिया के मुताबिक, अश्लील साइट सर्च करने के दौरान ठगोरों के पास मोबाइल नंबर पहुंच जाते हैं। आरोपित उससे लोगों की फेसबुक, इंस्टाग्राम आइडी सर्च कर परिवार के फोटो निकाल लेते हैं। बाद में उन्हें एडिट कर रुपयों की मांग करते हैं। बदनामी के डर से कई लोग रुपए दे देते हैं।