जबलपुर। रविवार की रात हुई बारिश ने शहर में बाढ़ जैसे हालात ला दिए हैं। 90.5 मिली मीटर बारिश के कारण आम जनजीवन अस्त व्यस्त हो गया। विस्तृत जानकारी की प्रतीक्षा है परंतु समाचार लिखे जाने तक पता चला है कि दो मकान ढह गए, दर्जनों कारें पानी में बह गई और करोड़ों की संपत्ति का नुकसान हुआ है।
लोगों को बचाने के लिए शहर की सड़कों पर नाव चलाई
मूसलाधार बारिश में जबलपुर शहर के 5 इलाके प्रभावित हुए हैं। पनागर में सबसे ज्यादा 116 मिमी ( 11.6 इंच) बारिश हुई। घरों में पानी घुसने के कारण लोगों को रातभर बाल्टियों से पानी निकालते हुए रात गुजारना पड़ा। बारिश का आलम ये था कि घरों, सड़कों, गलियों में पानी भरने के कारण लोगों का जीवन अस्त-व्यस्त हो गया। इधर, बरगी बांध का लेबल फुल हो चुका है। इसके कभी भी गेट खोले जा सकते हैं। लोगों को बचाने के लिए शहर में प्रशासन को नाव का सहारा लेना पड़ा।
लोग गहरी नींद में थे, घरों में पानी घुसने के बाद पता चला
शहर में जलभराव की खबर मिलते ही हरकत में आए जिला प्रशासन के अधिकारी कलेक्टर कार्यालय पहुंच गए, लेकिन बारिश राहत और बचाव कार्य में काफी परेशानी हुई। इधर, लोगों की नींद घरों में पानी घुसने के बाद खुली। इससे पूरा सामान पानी में इधर-उधर तैरने लगा। शहर के छोटी ओमती के पास बने पुल का पानी सिद्धार्थ नगर, कंजड़ मोहल्ला सहित हाथीताल कॉलोनी, शिवनगर, रद्दी चौक जैसे इलाकों में घुस गया।
ओमती में विकास के नाम पर कवर किया गया नाला बाढ़ का कारण बना
लोगों की माने तो छोटी ओमती इलाके में पड़ने वाले पुल के नीचे से एक नाला गुजरता है। जिसको कवर कर छोटा कर दिया गया था। वही नाला आज लोगों के लिए मुसीबत बन गया। इलाके के कई घरों में घुटनों-घुटनों तक पानी भर गया था। बिस्तर, कपड़े एवं बच्चों की कॉपी किताबें गीली हो गईं। कलेक्टर भरत यादव ने कलेक्टर कार्यालय में अधिकारियों की बैठक ली और बारिश से लोगों को हुए नुकसान की भरपाई करने के निर्देश दिए।