भोपाल। मध्य प्रदेश के स्कूल शिक्षा विभाग ने एक बार फिर तीन संतान वाले शिक्षकों के नाम मंगवाए हैं। जनसंख्या नियंत्रण के लिए सुरक्षित किया गया था कि मध्यप्रदेश में दो से अधिक संतान वाले व्यक्तियों को शासकीय नौकरी नहीं दी जाएगी और यदि कोई शासकीय सेवक तीसरी संतान पैदा करता है तो उसकी सेवाएं समाप्त कर दी जाएगी। शिक्षा विभाग इस मामले में दूसरी बार स्कूल स्तर से जानकारी मंगवा रहा है।
मध्य प्रदेश शासन के सभी कर्मचारियों की जानकारियां मंगवाई जा रही है परंतु विभागों ने अपने अपने हिसाब से फॉर्मेट तैयार किए हैं। शिक्षा विभाग में जो फॉर्म तैयार किया है उसमें कुल 7 कॉलम बनाए गए हैं, छठवें कॉलम में संतान संबंधी जानकारी मांगी गई है। दिग्विजय सिंह सरकार द्वारा बनाए गए नियम के अनुसार 26 जनवरी 2001 के बाद यदि किसी कर्मचारी को तीसरी संतान होती है तो उसकी सेवाएं समाप्त कर दी जाएगी।
शिवराज सिंह ने विरोध किया था, सत्ता में आने के बाद कार्रवाई नहीं की
नियम तो बन गया परंतु मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने 2001 में जबकि भारतीय जनता पार्टी विपक्ष में थी, तत्कालीन मुख्यमंत्री श्री दिग्विजय सिंह द्वारा बनाए गए इस नियम का विरोध किया था। बाद में जब भारतीय जनता पार्टी सत्ता में आई तो उसने किसी भी कर्मचारी के खिलाफ तीसरी संतान के कारण कार्यवाही नहीं की। हालांकि एक बार जानकारी सहित करवाई गई थी। इस बार जानकारी तो सभी विभागीय कर्मचारियों की मंगवाई जा रही है परंतु संतान संबंधी जानकारी के समाचार केवल शिक्षा विभाग से प्राप्त हुए हैं।