भोपाल। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आत्मनिर्भर मध्य प्रदेश के रोड मैप के लिए आयोजित वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में तंज कसते हुए कहा- हां पैसों की कमी है, लेकिन मैं इसके लिए रोने वाला सीएम नहीं हूं। हम इंतजाम करेंगे। एक टीम बनाई है, जो काम कर रही है। रेवेन्यू कम हुआ है। उसके कारण हम दूसरे इंतजाम करने में लगे हुए हैं।
आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश रोडमैप के लिए अफसर नहीं मंत्री जिम्मेदार होंगे
शिवराज ने कहा कि आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश का रोडमैप बनाने चार ग्रुप बनाए गए हैं। हर ग्रुप के लिए एक समन्वयक बना दिया गया है। इसमें समन्वयक मुख्य रुप से बैठक में शामिल होंगे और यह बैठक वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से ही होगी। 16 अगस्त से इसे शुरू किया जाएगा। इसमें मंत्रियों की जिम्मेदारी है कि वह जनता से जुड़े मुद्दों को शामिल करें और 25 अगस्त तक अपनी सिफारिशें दे दें। यह पूरी जिम्मेदारी मंत्रियों की होगी। अधिकारी इसके लिए जिम्मेदार नहीं होंगे। सिफारिश मिलने के बाद इसे नीति आयोग को दिया जाएगा और उसके बाद प्रधानमंत्री को।
तीन साल बाद जब जनता से वोट मांगे तो बताने के लिए कुछ हो
इसमें 1 महीने से लेकर 3 महीने, 6 महीने, 1 साल, 2 साल और 3 साल की पूरी योजनाएं होंगी। किस समय हम क्या-क्या करेंगे। किस तरह से इसे जुटाया जाएगा और कैसे आम लोगों तक पहुंचाया जाएगा। इसकी पूरी रूपरेखा बनाई जाएगी, ताकि 3 साल बाद जब हम जनता के पास जाएं, तो हमें बताने के लिए कुछ हो। लोकार्पण और शिलान्यास की भी सूची बनाई जाए, जहां जैसे संभव होगा वह से जनता के हित में कार्य किए जाएंगे।
वल्लभ भवन में भीड़ लेकर ना आएं
मुख्यमंत्री ने कहा कि वल्लभ भवन में मंत्री और नेता भीड़ के साथ आते हैं, लेकिन अब ऐसा नहीं होगा। कोरोना को हमें गंभीरता से लेना है। इसलिए सभी इसका ध्यान रखें और अकेले ही आएं।