भोपाल। भारतीय जनता पार्टी में राष्ट्रीय महासचिव और पश्चिम बंगाल के प्रभारी एवं मध्य प्रदेश में इंदौर के नेता श्री कैलाश विजयवर्गीय पिछले कुछ दिनों से एक नए किरदार में नजर आ रहे हैं। वह काफी कुछ वैसा ही कर रहे हैं जैसा कि कमलनाथ सरकार के समय दिग्विजय सिंह कर रहे थे।
दिग्विजय सिंह क्या करते थे
किसी भी नेता के लिए यह काफी दुखद होता है परंतु कड़वा सच यही है कि विधानसभा चुनाव 2018 में कड़ा परिश्रम करने के बावजूद दिग्विजय सिंह के लिए सरकार में कोई ऐसा पद सृजित नहीं किया गया जिसके कारण सरकारी स्तर पर उनका महत्व बढ़ता हो। 15 महीने की कमलनाथ सरकार में दिग्विजय सिंह कभी मंत्रियों को तो कभी मुख्यमंत्री को सलाह देते रहे। सत्ताधारी दल की शर्त होती है कि इस तरह की बातें सार्वजनिक नहीं होना चाहिए परंतु दिग्विजय सिंह अपनी चिट्टियां सार्वजनिक करवा देते थे। एक बार तो तत्कालीन मंत्री उमंग सिंघार ने उनकी चिट्टी का ऐसा जवाब दिया कि सोनिया गांधी के दरबार तक खलबली मच गई थी।
कैलाश विजयवर्गीय मध्यप्रदेश में इन दिनों क्या कर रहे हैं
दरअसल, ऑपरेशन लोटस में श्री कैलाश विजयवर्गीय ने कोई महत्वपूर्ण भूमिका नहीं निभाई इसलिए सत्ता परिवर्तन से लेकर मंत्रिमंडल के गठन तक श्री कैलाश विजयवर्गीय को कोई महत्व नहीं दिया गया। रूठे-रूठे कैलाश इन दिनों सरकार के स्वयंभू सलाहकार सलाहकार बन बैठे हैं। जो बातें मुख्यमंत्री या मंत्रियों से टेलीफोन पर की जानी चाहिए, कैलाश विजयवर्गीय वही बातें कभी कैमरों के सामने तो कभी ट्विटर पर कर रहे हैं। आज खरगोन में हुए पुलिस और सराफा दुकानदारों के बीच विवाद के मामले में कैलाश विजयवर्गीय ने मध्य प्रदेश के गृह मंत्री डॉ नरोत्तम मिश्रा को ट्विटर पर सलाह दी है।