इंदौर। मध्य प्रदेश के एक बड़े भूभाग को जीवन देने वाली नर्मदा और क्षिप्रा नदी के किनारे वाले इलाकों में बाढ़ के हालात बन गए हैं। दोनों नदियों के किनारे स्थित मंदिर, गांव और खेत सब पानी में डूब गए हैं। सैकड़ों करोड़ की संपत्ति और मवेशी पानी में बह गए। हजारों करोड़ की फसलें तबाह हो गई।
नर्मदा खतरे के निशान से 3 फुट ऊपर, ओंकारेश्वर बांध के 10 गेट खोले
नर्मदा जहां खतरे के निशान से तीन फीट ऊपर बह रही है। शिप्रा का बड़ा पुल सहित निचले इलाके जलमग्न हो गए हैं। सिद्धवट घाट स्थित मंदिर भी पानी-पानी हो चुका है। नर्मदा के बढ़ते जलस्तर को देखते हुए नर्मदा नदी पर बने ओंकारेश्वर बांध के 10 गेट खोल दिए गए हैं। बांध के पानी काे लेवल में रखने के लिए 4 हजार क्यूमेक्स पानी छोड़ा जा रहा है। वहीं, नर्मदा किनारे के सभी घाटाें पर अलर्ट जारी कर दिया गया।
तवा और बरगी बांध के भी गेट खोले
बारिश के चलते तवा और बर्घी बांध के गेट भी खाेल दिए गए हैं। इससे नेमावर में शनिवार काे शाम 6 बजे तक नर्मदा खतरे के निशान 885 से चार फीट ऊपर 889 पर बह रही थी। प्रशासन ने एहतियातन नगर की निचली बस्तियाें काे खाली करवाकर लाेगाें काे राहत शिविराें में पहुंचाया। इधर नर्मदा में लगातार बढ़ रहे जलस्तर के कारण किनारे बसे गांवाें में बाढ़ का खतरा मंडरा रहा है।
नदी किनारे सरकारी स्कूलों में राहत शिविर
नगर परिषद नेमावर के सीएमओ हरिओम कचोले एवं खातेगांव तहसीलदार राधा महंत नगर की निचली बस्तियों में जाकर लोगों के मकान खाली करवाकर उन्हें शासकीय स्कूलाें में बनाए गए राहत शिविराें में पहुंचाने में जुट रहे। सीएमओ कचोले ने बताया निचली बस्ती हनुमान टेकरा और नर्मदा किनारे बसे लाेगाें का सामान शिविराें तक पहुंचाने के लिए ट्रैक्टर-ट्राॅलियां सहित अन्य वाहनाें लगाए गए। शिविरों में भोजन की व्यवस्था भी की गई।
पुलिस ने प्राइवेट नावाें का अधिग्रहण कर लिया
थाना प्रभारी नीता देहरवाल ने बताया सुरक्षा की दृष्टि से निचली बस्तियाें व अन्य जगह नाले-रपट व पुल के समीप सुरक्षा उपकरणों से लैस पुलिस के तैराकों को तैनात कर दिया गया है। नावाें का भी अधिग्रहण कर लिया गया है।
कई गांवों का संपर्क कटा
इधर, नर्मदा का पानी नाले पर बनी रपट पर आने से नेमावर के पश्चिम किनारे बसे गांव निमनपुर, नवाड़ा, बजवाड़ा, सुरजना, दावठा, मंडलेश्वर, धरमपुरी आदि गांवों का नेमावर से संपर्क पूरी तरह से कट गया है। इसी तरह नर्मदा के पूर्व की और बसे गांव कुंडगांवखुर्द, कुंडगांवबुजुर्ग, मुरझाल, दैयत, चिचली, बिजलगांव का संपर्क भी नगर से कट गया। नगर के वार्ड क्रमांक 14 एवं 15 में नर्मदा का बैकवाटर घुसने से नगर से संपर्क कट गया। इधर, नर्मदा के मुख्य स्नान वाले सिद्धनाथ व नागर घाट भी जलमग्न हो गए है।
उज्जैन पूरे जिले में पानी पानी
उज्जैन में लगातार पिछले 24 घंटे से हो रही बारिश के बाद पूरा जिला पानी-पानी दिखाई दे रहा है। शहर में पिछले 24 घंटे में 7 इंच से अधिक बारिश हाे चुकी है। शहर के रामघाट सहित सिद्धवट घाट, केडी पैलेस, गणगौर दरवाजा, एकता नगर, शांति नगर सहित कई इलाके बारिश के पानी में डूबे हुए हैं। उज्जैन और आसपास के इलाकों में तेज बारिश के बाद शिप्रा नदी का रौद्र रूप रविवार को भी बना हुआ है। शिप्रा नदी के ऊपर बने बड़े पुल पर से करीब 2 फीट ऊपर पानी लगातार बह रहा है।
उज्जैन शहर में पानी घुस आया, 20 परिवारों को रेस्क्यू किया
लगातार हो रही बारिश ने जनजीवन अस्त-व्यस्त कर दिया है। उज्जैन के शिप्रा नदी किनारे गणगौर दरवाजे स्थित कई बड़े और छोटे यात्री निवासों में 6 से 8 फीट तक पानी भरा चुका है। जहां से तकरीबन 20 परिवारों को प्रशासन ने सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया है। वहीं, उज्जैन के प्रसिद्ध सिद्धवट घाट स्थित मंदिरों में भी पानी-पानी ही दिखाई दिया। इसके अलावा केडी पैलेस पर भी शिप्रा नदी का रौद्र रूप देखने को मिल रहा है।
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