नई दिल्ली। भारत के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने स्वतंत्रता दिवस समारोह के अवसर पर लाल किले की प्राचीर से बताया कि भारत में लड़कियों की शादी की नई उम्र का निर्धारण जल्द ही कर लिया जाएगा। फिलहाल 18 साल से अधिक उम्र की लड़कियों को विवाह के योग्य माना जाता है। भारत सरकार की एक कमेटी इसी आयु सीमा पर रिसर्च और विचार विमर्श कर रही है।
वर्तमान में लड़कियों की शादी की उम्र कितनी है
भारत में बाल विवाह को रोकने के लिए लड़कियों की शादी की उम्र का निर्धारण किया गया और इसे एक कानून के रूप में लागू किया गया। हिंदू मैरिज एक्ट के अनुसार भारत में विवाह के लिए लड़की की उम्र 18 साल और लड़के की उम्र कम से कम 21 साल होना जरूरी है। आयु सीमा का निर्धारण चिकित्सा विशेषज्ञों की राय के आधार पर किया गया। डॉक्टरों का कहना है कि 18 साल से कम उम्र की लड़की मां बनने के योग्य नहीं होती।
भारत में लड़कियों की शादी की उम्र फिर से निर्धारित क्यों की जा रही है
सुप्रीम कोर्ट का अक्टूबर 2017 में आया एक फैसला सरकार की इस कवायद की वजह मरा जा रहा है। सर्वोच्च न्यायालय ने कहा था कि वैवाहिक बलात्कार (marital rape) से लड़की को बचाने के लिए बाल विवाह पूरी तरह से अवैध माना जाना चाहिए। सुप्रीम कोर्ट ने विवाह के लिए न्यूनतम उम्र के बारे में फैसला लेने का काम सरकार पर छोड़ दिया था।
भारत में लड़कियों के लिए शादी की नई उम्र क्या हो सकती है
भारत में लड़कियों की शादी की उम्र निर्धारित करने से पहले कई बिंदुओं पर गौर किया जा रहा है। इनमें दो सबसे प्रमुख बिंदु है बाल विवाह और मातृत्व मृत्यु दर। रिकॉर्ड बताते हैं कि 18 से 21 साल के बीच गर्भवती माताओं की मृत्यु सर्वाधिक होती है। मांग उठी थी कि महिला के गर्भधारण की न्यूनतम आयु 21 साल की जाए और इसके लिए एक नया कानून बनाया जाए परंतु सभी बिंदुओं को ध्यान में रखते हुए सरकार चाहती है कि विवाह की उम्र 21 साल कर दी जाए तो सभी समस्याएं एक साथ समाप्त हो जाएंगी।